देवल संवादाता,मिर्जापुर।एंटी करप्शन टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई जिले में इन दिनों पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जोरदार कार्रवाइयों के कारण सुर्खियों में है। एंटी करप्शन टीम नेजिले में लगातार दूसरे दिन एक बड़ी कार्रवाई
को अंजाम दिया है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन) की मिर्जापुर इकाई ने गुरुवार को थाना चिल्ह के प्रभारी निरीक्षक शिवशंकर सिंह को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह घटना गुरुवार की दोपहर 3:52 बजे थाना चिल्ह परिसर में हुई, जब निरीक्षक को एक अभियोग पंजीकृत करने के एवज में रिश्वत लेते पकड़ा गया। इस कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ अभियोग दर्ज कर लिया गया है।भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ट्रैप टीम ने इस ऑपरेशन को बड़ी सावधानी और गोपनीयता के साथ अंजाम दिया है। टीम का नेतृत्व प्रभारी निरिक्षक विनय सिंह ने किया, जिनके साथ अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रैप टीम में शामिल अधिकारियों में निरीक्षक अनिल कुमार चौरसिया, कृष्ण मोहन राय, अशोक कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल पुनीत कुमार सिंह, मुकेश सिंह यादव, कांस्टेबल सर्वेश तिवारी, आलोक कुमार मिश्रा, प्रशांत सिंह, पीयूष कुमार सिंह, आरक्षी चालक विनोद कुमार यादव और अरुण कुमार शामिल थे।
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर किया है। शिवशंकर सिंह, जिनका पीएनओ नंबर 052760062 है, पर आरोप है कि उन्होंने एक अभियोग को पंजीकृत करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की त्वरित कार्रवाई ने न केवल आरोपी को पकड़ा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल जारी रहेगा।
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहां कुछ ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम के रूप में सराहा, वहीं कुछ का मानना है कि यह समस्या व्यवस्था में गहरे तक फैली हुई है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए और बड़े प्रयासों की जरूरत है।
एंटी करप्शन टीम की सक्रियता से यह साफ है कि सरकार और प्रशासन इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मिर्जापुर में लगातार हो रही इन गिरफ्तारियों से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। आम जनता भी इस कार्रवाई का स्वागत कर रही है, क्योंकि यह उनके लिए न्याय और पारदर्शिता की उम्मीद लेकर आई है।
प्रभारी निरीक्षक विनय सिंह ने इस सफल ऑपरेशन के बाद कहा, "हमारा उद्देश्य भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर रोकना है। यह कार्रवाई एक शुरुआत है और हम आगे भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रखेंगे।" उनकी टीम की मेहनत और समर्पण की बदौलत यह ऑपरेशन सफल रहा।
यह घटना न केवल मिर्जापुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों से प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।