धीरज, देवल संवाददाता। मामला है उत्तर प्रदेश की सिपाही भर्ती से संबंधित , जिसमें उत्तर प्रदेश आरक्षी भर्ती 2023 में भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी EWS प्रारूप जांच हो रहे केंद्रों पर अस्वीकार किए जाने का है। छात्रों का कहना है कि जब वह अपना प्रमाण पत्र लेकर जांच केंद्र पर पहुंचे तो वहां उपस्थित अधिकारियों ने इस प्रमाण पत्र के प्रारूप को अस्वीकार करते हुए कहां की यह प्रमाण पत्र का प्रारूप स्वीकार नहीं किया जा सकता है इस वजह से आपकी भारती भी अवैध मानी जाएगी। यह सुनते ही छात्रों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर जिला अधिकारी से मिलने का निर्णय लिया। आज छात्रों द्वारा जिलाधिकारी से मिलकर अपना मुद्दा रखा गया कि जब हमारा प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश के तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित एवं प्रदत्त है तो इसे किसी भी भर्ती में अमान्य कैसे घोषित किया जा सकता है। हमारा प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा प्रमाणित भी किया गया है कि भारत सरकार का EWS राज्य सरकार की सभी भर्तियों में मान्य है। छात्रों ने उदाहरण स्वरूप बताया भी बीते समय लेखपाल एवं अन्य भर्तीयों में भी इस प्रमाण पत्र के इस प्रारूप को स्वीकार किया गया था तो फिर इस बार यह नया नियम क्यों। इस मुद्दे को लेकर देश के विभिन्न जनपदों के शिक्षकों के मन में भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है।