कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।
पहाड़ों पर हुई बारिश और बर्फबारी का असर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों, खासकर अंबेडकर नगर में भी दिखाई देने लगा है। पिछले तीन दिनों से मौसम में आए बदलाव के कारण शहर में ठंड तेजी से बढ़ी है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रयागराज में लगातार बादल छाए रहने के कारण हवा में ठंडक बढ़ गई है। सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट आ रही है। ऐसे में लोग घरों से बाहर निकलने से बचने लगे हैं और शाम होते ही शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगता है। लोग ज्यादातर घरों में रहना ही पसंद कर रहे हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में शुष्क मौसम की संभावना जताई है, साथ ही तापमान में और गिरावट आने की आशंका जताई है। रात के समय कोहरे का भी असर देखने को मिलेगा, जिससे सर्दी और बढ़ सकती है।सर्दी के मौसम में अलाव ही गरीबों का सहारा है, मगर गरीबों के लिए जलने वाले इस अलाव की लकड़ी में बड़ा 'खेल' होने की आशंका पनपने लगी है। नगर पालिका के कर्मचारी हर वार्ड में लगभग 5 से 6 कुंतल लकड़ी उतरवा रहे हैं,एक निवासी ने मीडिया से बातचीत में नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तीन दिन से बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है। हम लोग लकड़ी लेकर आते हैं, लेकिन गीली होने की वजह से लकड़ी जल नहीं पाती है।नगर पालिका रोजाना अलाव के चिन्हित स्थान के हिसाब से पर्याप्त लकड़ी खरीद रहा है, लेकिन कई वार्ड मेंबर का आरोप है कि उनके इलाकों में लकड़ी गिराने वाली गाड़ी आ ही नहीं रही। जहां गाड़ी आ भी रही है, वहां कम लकड़ी गिराई जा रही है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठंड के मद्देनजर सभी नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव जलाने के निर्देश दिए थे। वार्ड के लोगों का आरोप है कि कर्मचारी अपने निजी फायदे के लिए नगर पालिका की लकड़ी का दुरुपयोग कर रहे हैं। इनके द्वारा अपने चहेतो के यहां मुंह मांगी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाती है। नगर पालिका के एक कर्मचारी के मुताबिक, कई जगह रसूखदार और वीआईपी ज्यादा लकड़ियां गिरवा लेते है। इससे बाकी वार्डों के लिए पर्याप्त लकड़ी नहीं बचती। इसके अलावा कई अफसर अपने आवास पर भी लकड़ियां गिरवा रहे हैं।जिससे इनके अपने लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या न होने पाए ऐसा आम जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला नगर में चर्चा का विषय बन गया है।नगरवासियों का कहना है कि ठंड के मौसम में नगर पालिका की ओर से अलाव के लिए नाम मात्र की व्यवस्था की गई, जिससे लोग शीतलहर से बचने के लिए परेशान हैं। नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और स्थानीय लोग यह चाहते हैं कि इस मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।