देवल संवाददाता, गोरखपुर ।सीएम योगी बोले-वैश्विक पटल पर सनातन संस्कृति को प्रतिष्ठित किया स्वामी विवेकानंद नेमुख्यमंत्री ने किया सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का किया अनावरण
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था, तब स्वामी विवेकानंद ने वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रतिष्ठित किया। उनके आदर्शों पर चलकर भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया है। तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इससे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के नए दौर की शुरुआत होगी। भारत वैश्विक टेक्नोलॉजी का हब बनेगा। देश में हर चेहरे पर खुशहाली होगी।
सीएम योगी रविवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस नगर कॉलोनी में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानंद की जयंती ‘युवा दिवस’ के अवसर पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विद्यालय के पूर्व छात्रों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
विद्यालय के रज्जू भैया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस युवा संन्यासी ने अपने विचारों और आचरण से राष्ट्र के प्रति चेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनका कहना था कि चुनौती जितनी कठिन होगी, उसके अनुरूप परिश्रम करने पर जीत और शानदार होगी। उनके अनुसार परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। गुलामी के कालखंड में सनातन वैदिक मूल्यों की चर्चा दुरूह होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद ने ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ का उद्घोष किया।
राष्ट्र धर्म ही सबके लिए सर्वोपरि होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो समिट में जब भारतीय सनातन मूल्यों को वैश्विक मंच पर रखा तो उनके वक्तव्य को सुनकर दुनिया मंत्रमुग्ध और भावविभोर हो गई। उन्होंने सबको जागरूक करते हुए कहा था कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद की शिक्षा है कि हम सबका एक ही धर्म होना चाहिए, राष्ट्रधर्म। उन्होंने कहा कि भारत ने स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण किया तो देश को आजाद होने में समय नहीं लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद का नाम सभी लोग लेते हैं, लेकिन हिंदुत्व का उद्घोष करने वाले संन्यासी को वामपंथी कैसे स्वीकार करते। स्वामी विवेकानंद के विचारों को सरस्वती शिशु मंदिरों ने हमेशा ही अंगीकार किया। उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए देशभर में सरस्वती शिशु मंदिरों की लंबी श्रृंखला है।
नानाजी देशमुख ने गोरखपुर से की थी सरस्वती शिशु मंदिर की शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा देने और राष्ट्रीयता का भाव जागृत करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की शुरुआत नानाजी देशमुख ने गोरखपुर से की थी। उन्होंने कहा कि आज इन शिक्षा मंदिरों के जरिये जनजातीय क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। यदि इन कार्यों को तत्कालीन सरकारों ने समय रहते किया होता तो आज वहां अराजकता की यह स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि नानाजी देशमुख ने ग्रामीण विकास और वनवासी क्षेत्रों के विकास का जो मॉडल दिया है, वह आज भी अनुकरणीय है।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तलिखित दो पत्रिकाओं का विमोचन भी किया। मां दुर्गा पर केंद्रित एक भावपूर्ण नृत्य नाटिका का अवलोकन कर बच्चों का उत्साह बढ़ाया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र पांडेय, आभार ज्ञापन पूर्व छात्र परिषद के मंत्री शिव शंकर तिवारी और संचालन व्यास कुमार श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश, सांसद रविकिशन शुक्ल, विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, डॉ. महेंद्र अग्रवाल, रामनाथ गुप्ता, प्रदीप कुमार, ओमप्रकाश जालान, सूर्यकांत त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।