देवल संवाददाता, मऊ। अशोक ठाकुर कोपागंज। कोपागंज विकासखंड के ग्रामसभा जयरामगढ़ में बना सामुदायिक शौचालय लोगो को मूहँ चिढ़ा रहा है।सामने का दरवाजा टूटा हुआ है भीतर काफी गंदगी भरी पड़ी है।सफाई के लिए समूह की महिलाओ की नियुक्ति भी किया गया है। जिसका महीने का पेमेंट भी किया जा रहा है।बावजूद इसके इस तरह की गंदगी समझ से परे है।ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि सरकार के पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है। शिकायत के बाद भी आजतक संबंधित के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई जिससे ऐसे लोगो का मनोबल बढ़ा हुआ है।सईयां भये कोतवाल अब डर काहे का यह गाना आज चरितार्थ गई रहा है।गांव का प्रधान अपने को कोतवाल ही समझता है लेकिन जब व्यवस्था के खिलाफ जांच बैठ जाती है तो कोतवाल साहब की हेकड़ी निकल जाती है।ब्लॉक के जयरामगढ़ में बना 5 लाख 71 हजार में बना सामुदायिक शौचालय की हालत बाहर से लेकर अंदर तक काफी दयनीय स्थिति बनी हुई है।शौचालय में पानी की टंकी नही और न तो टोटी लगी है हैंडपंप से पानी लेकर जाना है।जबकि मानक के अनुरूप पानी के लिए सरमसेबल, शौचालय में पाइप दौड़ाकर टोटी लगाना है। ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि समूह की महिलाओं द्वारा सफाई नही किया जाता है।इसका मुख्य कारण अधिकारियों द्वारा ग्राम सभा के लोगो द्वारा बार बार शिकायत के बाद भी उसका निस्तारण न किया जाना।जिससे ग्रामीण भी काफी नाराज हैं कि जब कोई कार्यवाही नही होगी तो भ्रष्टाचार तो होना तय है।इसी तरह ढेकवारा,चोरपाकला भलुईडीह सहित दर्जनो ग्रामसभाओं में सामुदायिक शौचालय की स्थिति खराब है।या तो वह हमेशा बंद रहता है या तो सफाई न होने से बाहर से अंदर तक इतनी गंदगी रहती है कोई जाने का नाम नही लेता।इनसेट सामुदायिक शौचालय की सफाई के लिए समूह की महिलाओं की नियुक्ति किया गया है।प्रति महीने उनके खाते में तनख्वाह सहित सफाई के लिए 9 हजार रूपये उनके खाते में आ जा रहे हैं।आखिर प्रधान से लेकर सचिव की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणो की कोई शिकायत मिले तो हल किया जाय लेकिन ऐसे जिम्मेदार लोगो की अनदेखी से हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रहे हैं।