दैनिक देवल, सोनभद्र। जनपद स्थित सोन नदी में अवैध बालू के खनन से जगह-जगह बड़े गड्ढे लोगों की मौत का कारण बन रहे हैं। नदी में जिन जगहों पानी कम होता है वहां अपनी दैनिक दिनचर्या करते हैं परंतु गर्मियों में पानी न होने पर उन जगहों पर अवैध बालू खनन करने से बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं और जब बरसात होती है तो वहां पानी भर जाता है जिससे लोगों को गहराई का अंदाज़ा नहीं मिल पाने के कारण डूबने से मौत हो जाती है। हालांकि प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन के लिए एनजीटी द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं परंतु प्रशासन द्वारा निगरानी न करने के कारण प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही दुर्घटनाओं से लोगों की मौतें भी हो रही हैं। हाल ही में वर्दियां गांव में नहाते समय तीन बालिकाओं की डूबने से मौत हो गई। बर्दिया गांव निवासी केदार की 12 वर्षीय पुत्री सुनीता और 10 वर्षीय बेटी सरिता व उनके साथ श्यामलाल की पुत्री उषा और गांव की ही 9 वर्षीय कोमल भी साथ थी। लोगों के अनुसार वे सभी नदी में नहाने के लिए उतर गई जहां पानी गहरा होने के कारण सुनीता, सरिता और उषा की डूबने से मृत्यु हो गई। जब इसकी जानकारी परिवारजन को हुई तो कोहराम मच गया। लगभग 20 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शौव बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक बरामद किए गए तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इस वर्ष नदी में डूबने से कई जानें गई जिसके लिए कहीं न कहीं नदियों की बेतरतीब खुदाई भी जिम्मेदार है। नदियों से बालू का अवैध खनन न रुकने से उसका स्वरूप तो बिगड़ ही रहा है साथ ही लोगों की जान भी जा रही है।