दैनिक देवल ,गुरमा सोनभद्र | सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत मारकुंडी मुख्य राज मार्ग से जिला जेल गुरमा मुख्य मार्ग के मध्य घाघर नदी पर बना पुल काफी पुराना जर्जर होने के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है। वहीं सम्पूर्ण सड़क भी गड्ढों में तब्दील हो जाने के कारण आम लोगों को राह चलना भी मुश्किल हो गया है।
बताते चलें कि राजकीय चुर्क सीमेंट फैक्ट्री सन् 1960 के पुर्व के जमाने का घाघर पुल पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। जगह जगह पुल में दरार के साथ नीचे से सरिया भी दिखाई देने लगी है। जिससे रात के अंधेरे में खतरा का भय बना रहता है जब की घाघर पुल के साथ सम्पुर्ण सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। जब कि इसी रास्ते से जिला कारागार बंदियों के वाहनों के साथ जिला के आलाधिकारियों का भी आवागमन होता रहता है लेकिन आज तक किसी भी विभागीय अधिकारियों कि निगाहों से वंचित रहा। जब कि घाघर पुल के पास भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित का वोर्ड भी लगा है। इसके बावजूद भी भारी वाहनों का आवागमन जारी है।इसे लेकर कभी किसी दिन दुर्घटनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता। उक्त सम्बन्ध में स्थानीय रामकिशुन मदन मोहन यादव राजेश कुमार रैन सिंह अमीत सिंह रहिम खां इरफान अली,रवि इत्यादि लोगों ने जिलाधिकारी से अविलंब स्थलीय निरिक्षण करा कर उचित कार्रवाई की मांग की है। उक्त सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जेई रवि कुमार ने बताया कि घाघर पुलिया का पुरा ऐस्टीमेट तैयार कर शासन को लखनऊ भेज दिया गया है । शासन से आदेश आने के बाद ही घाघर पुलिया कार्य शुरु होगा।