दैनिक देवल ,ब्यूरो,सोनभद्र। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सोनभद्र के कार्यकर्ताओ ने जिले में व्याप्त शैक्षिक समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का घेराव एवं विरोध प्रदर्शन कर दस सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक जयराम सिंह को सौंपा, इस दौरान विभाग सहसंयोजक सौरभ सिंह ने कहा की सोनभद्र जनपद में निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा का बाजारीकरण इस प्रकार से किया जा रहा है की वह अपने विद्यालय में ही किताबें व विद्यालय की ड्रेस को खरीदने का दबाव अभिभावकों के ऊपर बनाते हैं जो की भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के विरुद्ध है। जनपद में सीवीएससी,आईसीएससी व यूपी बोर्ड के विद्यालयों द्वारा एक बार विद्यार्थियों के प्रवेश होने के पश्चात जब वह उत्तीर्ण होकर दूसरी कक्षा में प्रवेश लेता है तो एनुअल फीस के नाम पर मनमानी तरीके से अभिभावकों से एडमिशन फीस एक मुस्त ली जाती है इसे लेकर प्रति वर्ष छात्रों से ली जाने वाली फीस पर रोक लगे व एक गाइडलाइन तैयार की जानी चाहिए की निजी विद्यालयों द्वारा जब किसी नए विद्यार्थी द्वारा विद्यालय में नया एडमिशन लिया जाए तब एडमिशन फीस का एक मानक तय किया जाए जिससे अभिभावकों के ऊपर अनावश्यक बोझ न पड़े। मांग पत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने मांग किया है कि जनपद में अधिकतम निजी विद्यालय निजी प्रकाशन की पुस्तकें अपने विद्यालय में चला रहे हैं जो की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के विपरीत है इन विद्यालयों को चयनित करके इन पर कार्रवाई करनी चाहिए। जनपद के विद्यालय में खेलकूद व प्रयोगशाला से संबंधित समुचित नहीं है सामग्रियां ना खेल मैदान व न ही खेल की सामग्रियां विद्यालय में उपस्थित है इसके बावजूद वार्षिक शुल्क में इसके नाम पर मोटी रकम अभिभावकों से वसूली जाती है जो की अभिभावकों पर एक बोझ के समान है। जनपद के विद्यालयों की बिल्डिंगों में आग से बचाव हेतु व्यवस्थाएं नहीं है साथ ही विद्यार्थियों को आग लगने से बचाव के तरीके भी उन्हें नहीं बताए जाते जो की किसी भी अप्रिय घटना के समय विद्यार्थियों को आहत कर सकती है। निजी विद्यालयों में छात्रों को लाने और पहुंचाने हेतु जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है उनकी हालत बेहद ही खस्ता है कम दूरी में छात्रों से अधिक वाहन शुल्क लिया जाता है देखने को अक्सर मिलता है कि विद्यार्थी बस की संख्या से अधिक उसमें यात्रा करते हैं जो की बेहद ही शर्मनाक है वह प्राय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। प्राइवेट विद्यालयों द्वारा लाइब्रेरी शुल्क लिया जा रहा है लेकिन वहां किताबें पूर्ण रुप से नही है अतः आपसे आग्रह है कि विद्यालय की लाइब्रेरीयों की जांच करके दोषी विद्यालयों पर कार्रवाई कि जाए। जनपद सोनभद्र में निजी विद्यालयों द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र वी ट्रांसफर सर्टिफिकेट के नाम पर विद्यार्थियों से मोटी रकम ली जाती है इसको लेकर प्रत्येक विद्यालयों में एक दिशा निर्देश लगाया जाए की इन सर्टिफिकेट के सापेक्ष में कितना शुल्क जमा करना है जिससे अभिभावकों के ऊपर किसी प्रकार का बोझ न पड़े। सीबीएसई बोर्ड के नियमों के अनुसार विद्यालय मानक को पूर्ण नही करते है।
जिले में संचालित हो रहे बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय व कोचिंग संस्थान को पूर्णतया बंद कराया जाए जो मानव विहीन है, अभाविप कार्यकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दिया की यदि एक सप्ताह के अंदर जांच कर कार्रवाई नहीं कि जाती है तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के अच्छे भविष्य के लिए उनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के खिलाफ़ आंदोलन करने हेतु बाध्य होगी।
इस दौरान विभाग सह संयोजक सौरभ सिंह पंकज, प्रांत जनजाति कार्य संयोजक मनमोहन निषाद, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राहुल जालान, ललितेश मिश्रा,शिखर सोनी, रंजीत पटेल, श्याम पाठक, अनमोल केशरी, विकास केशरी, श्याम गिरी, गुलाब, असलम सहित अन्य लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।