आमिर। ब्यूरो चीफ। देवल। जौनपुर।खुटहन, जौनपुर। ख्वाजापुर गांव के तालाब में सोमवार को पखवाड़ा पूर्व अपहृत बालक का सिरकटी लाश मिलना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। आखिर अपहरण जैसी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस एक पखवाड़ा तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रह गई। काश उसकी बरामदगी का प्रयास तत्परता से किया गया होता तो उस मासूम की जान अवश्य बच सकती थी। अपहर्ताओं द्वारा बालक को मौत के घाट उतार दिए जाने के बाद तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा भी मृतक के घर पहुंच घटना की जानकारी लेकर स्वजनों को न्याय का भरोसा दिए। मृत बालक की मां ने पुलिस के ढुलमुल रवैये का आरोप लगाया है।
ज्ञातव्य हो कि गत 4 अक्टूबर को शारुल्ला का 6 वर्षीय पुत्र गांव के राम जानकी मंदिर पर गया था। जहां से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया। बालक की माता आसमां बानो ने घटना के दूसरे दिन थाने में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दिया। आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर मामले ठंडे बस्ते में डाल दिया। घटना के 17वें दिन उसकी सिर कटी लाश तालाब में मिलते ही मानो पुलिस को पंख उग आए। जिले के आलाधिकारी तक घर पहुंच गए। यदि यही तत्परता अपहरण के बाद से ही रही होती तो आज मेरा बेटा जीवित होता, अपहर्ता भी जेल की सलाखों में पहुंच चुके होते। फिलहाल घटना में आसमां बानो ने अपने ही जेठ और उनके 3 पुत्रों को हत्या का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस उनकी तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई है। घटनास्थल पर मिले धमकी भरे पत्र में पैसों की लेनदेन ही नहीं बल्कि कातिल ने आसमां बानो के साथ शारीरिक संबंध होने का भी जिक्र किया है। यदि यह पत्र पुलिस को गुमराह करने के लिए रखे गए हैं तो आरोपित पर मामला सटीक बैठता है लेकिन यदि बातें सही होगी तो कातिल बाहर का भी कोई हो सकता है। पुलिस दोनों ऐंगल से घटना छानबीन कर रही है। थानाध्यक्ष दिव्य प्रकाश सिंह ने बताया कि अपहरण के बाद से ही पुलिस पूरी सजगता से पर्दाफाश में लगी हुई थी। हर संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही थी।