मृतक के पिता हरपाल ने बताया कि 10 दिन पहले ही यहां पर काम करने के लिए आया था। रविवार मध्यरात्रि करीब दो बजे उन्हें जानकारी मिली कि उनका बेटा घायल हो गया है। कंपनी वाले बताते रहे कि उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं। उनसे बताते रहे कि बेटा ठीक है। उन्हें सुबह आने के लिए कहा। सिकंदरपुर में मॉल बनाने के काम रात में तेजी से चल रहा था। लेंटर डालने की सटरिंग लग गई। आधे एरिया में लेंटर डल गया था। तभी तेज आवाज आई और चीख पुकार मच गई। आसपास काम कर रहे कामगार भागे तो देखा कि लेंटर और सटरिंग गिरी थी। मलबे में कामगार दबे हुए थे। मदद की गुहार लगा रहे थे।मृतक के पिता हरपाल ने बताया कि 10 दिन पहले ही यहां पर काम करने के लिए आया था। रविवार मध्यरात्रि करीब दो बजे उन्हें जानकारी मिली कि उनका बेटा घायल हो गया है।कंपनी वाले बताते रहे कि उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं। उनसे बताते रहे कि बेटा ठीक है। उन्हें सुबह आने के लिए कहा।आरोप है कि जब वह यहां पर पहुंचे हैं तो उन्हें अंदर भी जाने नहीं दिया गया। न ही बेटे की मौत की जानकारी दी। पुलिस ने उन्हें बेटे की मौत की जानकारी दी। बात करते करते पिता रोने लगे।उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे हैं। छह माह पहले उनकी बड़े बेटे की शादी हुई थी। अब अमित का ही नंबर था। बड़े बेटे की पत्नी अस्पताल में भर्ती है। अब बेटा भी चला गया। मानों परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया। अमित के साथ यहां गांव के कई लोग काम करने आए थे।घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। लेंटर कैसे गिरा अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच कराई जा रही है।कारण जानने के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखकर इसकी जांच कराई जाएगी।लेंटर गिरने में एक कामगार की जान चली गई और सात कामगार घायल हो गए। सुबह तक गिरी हुई सटरिंग को हटवा दिया गया। मृतक के स्वजन, पुलिस, एलआइयू और मीडिया को साइट में प्रवेश ही नहीं करने दिया गया।स्वजन सेल्स आफिस के बाहर खाली मैदान में बैठे रहे। पुलिस ने सुरक्षाकर्मियों से पूछा तो उनका कहना था कि ऊपर से आदेश है किसी को अंदर नहीं आने देने है।