कमला नेहरू नगर स्थित केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में 11 राज्यों के पुलिस न्याय अभियोजन और जेल विभाग से जुड़े अधिकारियों को भारतीय न्याय संहिता 2023 का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पांच दिन के कोर्स में अधिकारियों को यौन अपराध चोरी डकैती हत्या लूट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य आदि से जुड़ी तकनीकी जानकारियां दी जा रही है।कमला नेहरू नगर स्थित केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में 11 राज्यों के पुलिस, न्याय, अभियोजन और जेल विभाग से जुड़े अधिकारियों को भारतीय न्याय संहिता 2023 का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पांच दिन के कोर्स में अधिकारियों को यौन अपराध, चोरी, डकैती, हत्या, लूट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य आदि से जुड़ी तकनीकी जानकारियां दी जा रही है।सरकार ने बीते महीने ही भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को पेश किया था। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 में बदलाव कर उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 में अपराधों को नए सिरे से परिभाषित किया गया है।केंद्र सरकार के भारतीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) में नए कानून की जानकारियां देशभर के पुलिस, न्याय, जेल और अभियोजन अधिकारियों को दी जा रही है। सोमवार से शुरू हुए कोर्स के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलाई जा रही है।संस्थान में बने क्लास रूम में करीब 30 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जबकि 100 से ज्यादा अधिकारी आनलाइन माध्यम से जुड़े हुए हैं। प्रशिक्षण के लिए पैरामिलिट्री फोर्स, उत्तर प्रदेश पुलिस, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, असम, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ राजस्थान महाराष्ट्र और तेलंगाना के पुलिस अधिकारी, जेल, अभियोजन अधिकारी शामिल हुए हैं।दो न्यायाधीश भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आये हैं। कोर्स कोआर्डिनेटर ओपी शर्मा के मुताबिक संस्थान से प्रशिक्षण के बाद अधिकारी अपने अपने राज्यों में जाकर अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में विदेशी पुलिस अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्थान अधिकारियों के मुताबिक नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया के पुलिस अधिकारियों को पूर्व में समय-समय पर प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा भारतीय राजस्व सेवा और पोस्टल सेवा के आला अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं।संस्थान में नए कानून पर अगला कोर्स 29 जनवरी से दो फरवरी तक चलेगा। कोर्स कोर्डिनेटर ओपी शर्मा के मुताबिक नए कानून में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य को हर प्रारूप में मान्यता मिली है। इसमें मेल, मोबाइल और ई हस्ताक्षर शामिल हैं। इसकी भी जानकारी प्रत्येक बैच में दी जा रही है।