बलिया क्षेत्र के संवरा गांव में देवस्थली स्कूल के समीप साल 2010 में एक करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित पानी टंकी रख-रखाव व तकनीकी गड़बड़ी के चलते 3 वर्ष से बंद पड़ी है। जिससे व्यवस्था देखने वालों पर सवाल खड़ा हो गया है। इस टंकी के बंद होने से आधा दर्जन गांव के लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है।समूह पेयजल योजना के तहत 300 लीटर की क्षमता वाली यह पानी टंकी 16 मीटर उंची है। इस पानी टंकी का निर्माण जब शुरू हुआ तो संवरा सहित आस-पास के गांवों के ग्रामीणों को लगा कि शुद्ध पेयजल नसीब हो सकेगा। किंतु लगभग 6 वर्ष में ही पानी टंकी की बोरिंग फेल हो जाने से कार्य बाधित हो गया। ग्रामीणों के अथक प्रयास से एक बार फिर वर्ष 2019 में बोरिंग कराई गई और पानी टंकी एक बार फिर चालू हुई, परन्तु 2020 में बाढ़ के चलते पानी से घिरी इस टंकी के उपकरणों की चोरी हो जाने से पानी टंकी एक बार फिर बंद हो गई, तभी से बंद ही पड़ी है।पानी टंकी परिसर में कर्मचारियों के लिए बना आवास पूरी तरह से झाड़-झंखाड़ में तब्दील हो चुका है। आलम यह है कि विषैले जंतुओं की डर से परिसर में जाना कोई मुनासिब नहीं समझता है। यह पानी टंकी जब चालू थी तो इससे संवरा सहित खलिलपुर, पहाड़पुर, रत्तोपुर, पंडितपुरा, गुरगुजपुर, रामनगर, पांडेयपुर, उचेड़ा, देवस्थली स्कूल को पानी सप्लाई होता था। परन्तु पानी टंकी के बंद होने से इन गांवों में लोगों के समक्ष शुद्ध पेयजल का संकट बना हुआ है।संवरा के ग्राम प्रधान विनोद यादव ने कहा कि संवरा पानी टंकी को चालू कराने के लिए हमारे द्वारा कई बार प्रयास किया गया, परन्तु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से अब तक कोई सार्थक परिणाम नहीं आ सका। इस पानीटंकी को चालू कराने के लिए हम शीघ्र ही जिलाधिकारी से भेंटकर समस्या के समाधान का प्रयास करेंगे।