लंदन की पुलिस ने कहा कि वे अदालत के फैसले के निष्कर्षों पर सावधानीपूर्वक विचार करेंगे जिसमें पाया गया कि प्रिंस हैरी अपने संपादकों की जानकारी में मिरर ग्रुप के पत्रकारों द्वारा फोन हैकिंग और अन्य गैरकानूनी कृत्यों का शिकार हुए थे। मालूम हो कि प्रिंस हैरी 130 साल में ब्रिटिश शाही परिवार के पहले ऐसे सदस्य बने जो कोर्ट में गवाही देने के लिए पेश हुए हैं। लंदन के हाई कोर्ट ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को प्रिंस हैरी के फोन हैकिंग के आरोपों को लेकर मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स के प्रकाशकों के खिलाफ फैसला सुनाया गया, जिसके बाद लंदन पुलिस ने कहा कि वे अदालत के फैसले के निष्कर्षों पर सावधानीपूर्वक विचार करेंगे।शुक्रवार को न्यायाधीश ने इस बात पर सहमति जताई कि उन्हें पत्रकारों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था और उसके बाद उन्हें 140,600 पाउंड ($ 178,000) से सम्मानित किया गया। लंदन की पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह सिविल मामले में फैसले पर सावधानीपूर्वक विचार करेगी और बताया कि फिलहाल इस मामले पर कोई जांच नहीं चल रही है।अदालत के फैसले में कहा गया है कि जिन संपादकों को व्यापक गैरकानूनी व्यवहार के बारे में पता था, उनमें हाई-प्रोफाइल ब्रॉडकास्टर पियर्स मॉर्गन, 1996 से 2004 तक डेली मिरर के संपादक थे, जो हैरी और मेघन के प्रमुख आलोचक बन गए हैं। गौरतलब है कि ड्यूक ऑफ ससेक्स समेत तीन अन्य दावेदारों ने द डेली मिरर, द संडे मिरर और संडे पीपल प्रकाशित करने वाले ब्रिटिश अखबार समूह पर मुकदमा दायर किया था।मालूम हो कि प्रिंस हैरी 130 साल में ब्रिटिश शाही परिवार के पहले ऐसे सदस्य बने, जो कोर्ट में गवाही देने के लिए पेश हुए हैं। दरअसल, इन्होंने समाचार पत्रों पर आरोप लगाया था कि वह हैरी के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।