आज के समय में फिजिकल गोल्ड के साथ डिजिटल गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कई योजना चला रही है। इन स्कीम में से एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी है। आरबीआई समय-समय पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सब्सक्रिप्शन के लिए खोलते हैं। अगले हफ्ते सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन खुलने वाला है।भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन खोलने वाले है। आपको बता दें कि अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आप डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किस्त का इश्यू प्राइस 6,199 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। सॉबरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन के लिए केवल 5 दिन ही है।आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना 2023-24 - सीरीज III 18-22 दिसंबर, 2023 के दौरान सदस्यता के लिए खुली रहेगी।अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आप इसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (छोटे वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल), नामित डाकघरों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जरिये खरीद सकते हैं।आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 999 शुद्धता वाले सोने के साधारण औसत समापन मूल्य के आधार पर बांड का नाममात्र मूल्य 6,199 रुपये प्रति ग्राम बैठता है। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक के परामर्श से ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को अंकित मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम कम की छूट देने का भी निर्णय लिया है।केंद्रीय बैंक ने कहा कि निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य 6,149 रुपये प्रति ग्राम सोना होगा। गोल्ड बॉन्ड योजना 2023-24 -सीरीज IV 12-16 फरवरी के लिए निर्धारित है। सीरीज I इस साल 19-23 जून को और सीरीज II 11-15 सितंबर के दौरान सदस्यता के लिए खुली थी। इस बॉन्ड में निवेशकों को 2.50 फीसदी प्रति वर्ष के हिसाब से ब्याज मिलता है। सदस्यता की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों और समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्तीय वर्ष होगी।वित्त मंत्रालय ने कहा कि एसजीबी की अवधि आठ साल होगी और पांचवें साल के बाद समय से पहले भुगतान का विकल्प उस तारीख पर इस्तेमाल किया जाएगा जिस दिन ब्याज देय है। भारतीय रिज़र्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से बांड जारी करता है। बॉन्ड का उपयोग लोन के रूप में किया जा सकता है।केवाईसी के जरिये आसानी से सोना खरीदा जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना नवंबर 2015 में भौतिक सोने की मांग को कम करने और सोने की खरीद के लिए उपयोग की जाने वाली घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में स्थानांतरित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।