देवल संवाददाता, आजमगढ़ । जिले में सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर लाखों की ठगी करने वाले एक शातिर साइबर अपराधी को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने दबोच लिया है। खुद को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बताकर ईसीसीई शिक्षक (ECCE Educator) पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र देने के नाम पर यह आरोपी अभ्यर्थियों को जाल में फंसाता था। तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने अन्तर्जनपदीय अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन और अहम डिजिटल सबूत बरामद किए हैं।
साइबर क्राइम थाना जनपद आजमगढ़ पुलिस ने ईसीसीई शिक्षक पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले एक अन्तरजनपदीय अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अभियुक्त खुद को आजमगढ़ का बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बताकर अभ्यर्थियों से दस से चालीस हजार रुपये तक की रकम ऐंठ रहा था। इस मामले में थाना साइबर क्राइम पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
विवेचना के दौरान साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में साइबर टीम ने तकनीकी विश्लेषण और मोबाइल लोकेशन के आधार पर अभियुक्त राम सिंह पुत्र स्व. शिवगरुण, निवासी नैका महीन, झूसी, प्रयागराज (वर्तमान पता: बंदीपड्डी चौराहा, भवरगढ़, धन्नूपुर, हंडिया, प्रयागराज) को गुरुवार को कस्बा पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ से गिरफ्तार किया। अभियुक्त के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए।
मोबाइलों की जांच में फर्जी ई-मेल आईडी, व्हाट्सएप प्रोफाइल, ईसीसीई शिक्षक अभ्यर्थियों की सूची, टेलीग्राम ग्रुप के स्क्रीनशॉट और अन्य डिजिटल साक्ष्य मिले हैं।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि
गिरफ्तार अभियुक्त एक टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ा था, जहां शिक्षा विभाग से जुड़ी भर्तियों और अभ्यर्थियों की सूचियां साझा की जाती थीं। अभियुक्त ने uttarpradeshbsaofficeazamgarh@gmail.com नाम से फर्जी ई-मेल आईडी बनाई और व्हाट्सएप व ट्रूकॉलर पर खुद को बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़ दर्शाया।
फर्जी ई-मेल के जरिए अभ्यर्थियों को ईसीसीई शिक्षक पद पर चयन का झांसा देकर ₹40,000 की धरोहर राशि मांगी जाती थी। भरोसा दिलाने के लिए आधार कार्ड, फोटो और नियुक्ति हेतु तीन विद्यालयों के विकल्प भी मांगे जाते थे। इसके बाद जनसेवा केंद्रों के क्यूआर कोड भेजकर भुगतान कराया जाता और रकम मिलते ही अभ्यर्थियों के मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए जाते थे। अभियुक्त के खिलाफ संबंधित धाराओं में विधिक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने अपील किया कि किसी भी सरकारी नौकरी के नाम पर ई-मेल, कॉल या सोशल मीडिया के जरिए धनराशि की मांग होने पर सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी थाना या साइबर हेल्पलाइन पर दें।