देवल संवाददाता, लखनऊ।राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम में एआई आधारित यक्ष एप लॉन्च किया गया। यह एप अपराधियों पर शिकंजा कसने में अहम भूमिका निभाएगा। इस पर हर अपराधी का पूरा डाटा अपलोड किया जाएगा। इसमें नाम, पता, फोटो, वीडियो और वॉयस सैंपल शामिल होंगे। यह पहली बार होगा जब अपराधियों की पहचान उनके वॉयस सैंपल के जरिए भी की जा सकेगी।
मंथन के पहले सत्र में एडीजी अपराध एसके भगत ने बताया कि यक्ष एप के जरिए बीट पुलिसिंग को और मजबूत किया जाएगा। बीट सिपाही और दरोगा अपने क्षेत्र के अपराधियों का पूरा विवरण एप पर फीड करेंगे। संवेदनशील क्षेत्रों और पुलिस कार्रवाई से जुड़ी जानकारी भी एप पर उपलब्ध रहेगी। इससे निगरानी और विश्लेषण आसान होगा। एक अन्य सत्र में डीजी साइबर क्राइम बिनोद सिंह ने साइबर अपराधों पर प्रस्तुति दी और बताया कि किस तरह तकनीक के जरिए साइबर अपराधियों पर कार्रवाई की जा रही है।
थानों की बदलेगी सूरत
एडीजी जोन लखनऊ सुजीत पांडेय ने पुलिस स्टेशन मैनेजमेंट एंड अपग्रेडेशन पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट एसएचओ डैशबोर्ड के माध्यम से थाना प्रभारी एक क्लिक पर सभी मामलों की स्थिति, विवेचनाओं की प्रगति और संबंधित कार्रवाई की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की जवाबदेही भी तय होगी।
महिलाओं से संवाद पर जोर
महिला एवं बाल अपराध और मानव तस्करी पर एडीजी पद्मजा चौहान ने कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि महिला बीट सिपाही और दरोगा अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं से नियमित संवाद करें और हेल्पलाइन नंबर व वीमेन पावर लाइन की जानकारी दें।
सीसीटीएनएस-2.0 की तैयारी
एडीजी नवीन अरोड़ा ने सीसीटीएनएस-2.0, नई संहिता और फोरेंसिक विषयों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने ई-एफआईआर, जीरो एफआईआर, ई-समन और ई-साक्ष्य जैसी डिजिटल व्यवस्थाओं की जानकारी दी और बताया कि तकनीक के जरिए अपराधियों पर कार्रवाई को और प्रभावी बनाया जा रहा है।
पुलिस व्यवहार सुधार पर भी फोकस
पुलिस मंथन में पुलिस के व्यवहार को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि विभिन्न एजेंसियों की मदद से पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने ई-रिपोर्टिंग पोर्टल के विकास और चिन्हित माफिया की केसवार मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड तैयार करने की जानकारी दी। वहीं, डीजी कारागार पीसी मीना ने कारागारों के डिजिटलीकरण, एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी और ई-मुलाकात व्यवस्था पर प्रकाश डाला।