देवल संवादाता,वाराणसी। देश की पहली हाइड्रोजन जलयान का संचालन बृहस्पतिवार से गंगा में शुरू हुआ। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काशी के नमो घाट से जलयान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही जलयान पर सवार होकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक गए। हाइड्रोजन जलयान का किराया और बुकिंग का विकल्प अभी तक नहीं दिया गया है। जल्द ही आम लोगों को इस सेवा का लाभ मिलने लगेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत स्वच्छ, टिकाऊ और आत्मनिर्भर परिवहन प्रणालियों की ओर एक परिवर्तनकारी बदलाव देख रहा है। हमारे पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन चालित जलयान का शुभारंभ प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह उपलब्धि प्रधानमंत्री की 'मेक इन इंडिया' की प्रतिबद्धता और सभी क्षेत्रों में हरित परिवहन की ओर बदलाव को दर्शाती है। यह उपलब्धि हमारी पवित्र गंगा के पुनरुद्धार और संरक्षण के व्यापक मिशन को भी मजबूत करती है। जलमार्गों पर स्वच्छ तकनीकों को बढ़ावा देते हुए, हम न केवल नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व के साथ-साथ चले। आज की यह उपलब्धि हमारे राष्ट्र के लिए एक हरित और समृद्ध समुद्री भविष्य के निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री के अटूट संकल्प को दर्शाती है।
प्रतिघंटे 12 किमी से ज्यादा होगी रफ्तार, पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगाए
आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों के मुताबिक गंगा में पहली बार हाइड्रोजन जलयान चलाई जा रही है। इसमें एक साथ 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। जलयान में पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगेंगे। इसकी रफ्तार 12.038 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। विकल्प के तौर पर 3 किलोवाट के सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। ईंधन रीफिलिंग के लिए चार स्टेशन बनाए जाएंगे।