देवल संवाददाता, ग़ाज़ीपुर,नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत कृषि विभाग के अधिकारी ,कर्मचारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासखंड सदर, जनपद गाजीपुर के कृषि विज्ञान केंद्र पी जी कॉलेज गाजीपुर में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला कृषि अधिकारी ग़ाज़ीपुर उमेश कुमार, केवीके पी जी कॉलेज के कार्यक्रम समन्वयक विनोद कुमार सिंह, इफको वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर विनोद कुमार सिंह, अपर जिला कृषि अधिकारी, प्रोफेसर सिंह, विभागाध्यक्ष शस्य विज्ञान विभाग पी जी कॉलेज, कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों व किसान यूनियन के प्रगतिशील किसानों सहित 130 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी इफको गाजीपुर द्वारा किसानों को फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई किसानों को नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस के प्रयोग विधि एवं लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई नैनो डीएपी के 5 मिली लीटर प्रति किलो की दर से बीज शोध एवं 5 मिली लीटर प्रति लीटर के दर से जड़ शोधन करने के बाद आधा घंटा का सुखाए उसके बाद बुवाई रोपाई कर दें एवं जब फसल में पत्तियां आ जाए तो नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी का एक साथ 4एमएल प्रति लीटर के दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें, द्वितीय यूरिया टापड्रेसिंग में सभी किसान भाई दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर करें और यदि धान की फसल में जिंक की कमी का लक्षण दिख रहे हैं तो नैनो यूरिया के साथ नैनो जिंक 1- 2 मिली लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं । मुख्य अतिथि उमेश कुमार ने लगातार फास्फेटिक के उपयोग को कम कर करके नैनो यूरिया नैनो डीएपी सागरिका के प्रयोग को अधिक से अधिक प्रयोग करने के अपील की।
केवीके पीजी कॉलेज के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने अपने कैंपस पर लगे हुए नैनो के प्रदर्शन में प्रयोग हुए नैनो फर्टिलाइजर के प्रयोग और उसके लाभ को किसानों को बताया कि इफको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर वीके सिंह ने कहा कि नैनो उर्वरकों के प्रयोग से कृषकों के लागत में भी कमी आएगी साथ ही यूरिया एवं डीएपी के अत्यधिक प्रयोग से जल मृदा पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया, रबी सीजन में सभी किसान भाई मुख्य फसलों में गेहूं सरसों आलू चना मटर में नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करें एवं दानेदार डीएपी की मात्रा आधी प्रयोग करें नैनो डीएपी 500 मिलीलीटर की बोतल से 100 किलोग्राम बीज को शोधित कर सकते हैं एवं मात्र ₹600 की है जो की दानेदार डीएपी से काफी सस्ता है नैनो डीएपी के प्रयोग से लागत में कमी आएगी साथी उत्पादन के साथ उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ती है । आपके द्वारा कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरक प्रयोग के साथ नैनो तकनीक पर आधारित नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी एवं नैनो जिंक के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया एवं दानेदार उर्वरकों पर भारत सरकार द्वारा दी जा रही भारी भरकम सब्सिडी से भी अवगत कराया गया। कृषि विभाग के फार्म मैनेजर अखलेंद्र सिंह जी 8858984735 जमानिया और प्रगतिशील किसान अनूप राय जी 9559522884 द्वारा नैनो उर्वरकों के परिणाम को लेकर अपना अनुभव भी साझा किया गया जिसमें नैनो डीएपी और नैनो यूरिया प्लस का प्रयोग गेहूं एवं धान की फसल में किया गया था इससे लागत में कमी के साथ उत्पादन भी अधिक हुआ साथ ही उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ी।साथ ही ड्रोन के माध्यम से स्प्रे करने हेतु प्रेरित किया।