देवल संवाददाता, गाजीपुर। भारत के संविधान निर्माण में अनेक व्यक्तियों ने योगदान दिया, कुल 299 सदस्यों की संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसादजी रहे, जिन्हें बाद में भारतवर्ष के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में भी चुना गया। भारत का संविधान निर्माण किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास का फल था, जिसमें देश के महान राजनीतिज्ञों एवं विद्वानों ने अहम भूमिका का निर्वहन किया। उक्त बातें श्री चित्रगुप्त वंशीय सभा द्वारा आयोजित मंदिर परिसर के सभागार में डॉ राजेंद्र प्रसाद जयंती समारोह के अवसर पर मुख्य वक्ता स्वामी सहजानंद पी जी कॉलेज के अध्यापक डॉ. प्रमोद कुमार ‘अनंग’ ने कही।”संविधान सभाध्यक्ष के रूप में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का योगदान” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आपने कहा कि डॉ. राजेन्द्र बाबू ने केवल संविधान सभा की स्थायी अध्यक्षता की बल्कि संविधान निर्मात्री प्रमुख समितियों में से तीन प्रमुख समितियों की भी अध्यक्षता की।इस अवसर पर संस्था के मंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि संविधान की प्रतिलिपि मुख्य प्रारूपकार सुरेंद्रनाथ मुखर्जी ने तैयार की, जबकि प्रारंभिक और तकनीकी मार्गदर्शन संवैधानिक सलाहकार कानून के सर्वकालिक विद्वान बी. एन. राव ने किया, इसलिए किसी एक व्यक्ति को इसका श्रेय कदापि नहीं दिया जा सकता। सभा के उपाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव अजय ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि 3 दिसंबर जबकि अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में हम मानाते हैं, इसी दिन भारत को विकलांगता से मुक्ति दिलाने के लिए महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्रतापूर्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्वअध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पूरे गर्व और सम्मान के साथ हम मानते हैं, जिनके नेतृत्व में भारत के महान संविधान का निर्माण हुआ। इस अवसर पर. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था अध्यक्ष आनंद शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति होने के साथ-साथ डॉ राजेंद्र प्रसाद दो बार पूर्ण कालिक राष्ट्रपति रहे, उन्होंने भारत के संवैधानिक परंपराओं के निर्माण में न केवल अहम भूमिका का निर्वहन किया, बल्कि स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांत के प्रति जीवन भर प्रतिबद्ध रहकर देश की सेवा की।इसके पूर्व भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के पूर्व संस्था के मंत्री के नेतृत्व में विशिष्ट पीरनगर स्थित पूर्व राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया गया । इस अवसर पर वक्ताओं में मुख्य रूप से संजीव अरुण कुमार,क्षितिज श्रीवास्तव,अभय श्रीवास्तव, अफसर हुसैन, मनीष पांडेय, सुनील श्रीवास्तव, सभासद कमलेश श्रीवास्तव,मुनीन्द्र श्रीवास्तव, अरविंद,रवि श्रीवास्तव, विभोर श्रीवास्तव, अंजनी श्रीवास्तव, शरद वर्मा,दिनेश्वर दयाल,राजेश श्रीवास्तव आदि सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
चित्रवंशी सभा ने दी प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू को श्रद्धांजलि, बोले अजय श्रीवास्तव- सामूहिक प्रयास का फल है संविधान
दिसंबर 03, 2025
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