कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अंबेडकरनगर (प्रमोद वर्मा)।जिले में धान खरीद व्यवस्था गंभीर अव्यवस्थाओं का शिकार हो गई है। धान खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीदे गए सैकड़ों कुंटल धान का समय से उठान न होने के कारण वह गोदामों के बाहर पन्नी से ढककर रखा हुआ है। गोदामों में जगह न होने से नए किसानों की धान खरीद प्रभावित हो रही है, जिससे किसान खासे परेशान हैं।
किसानों का कहना है कि क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए पहुंचने पर केंद्र प्रभारी द्वारा यह कहकर लौटा दिया जाता है कि पहले से रखा धान अभी तक उठ नहीं पाया है। मजबूरी में कई किसानों को बिचौलियों के हाथों कम दाम पर धान बेचना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दूसरी ओर करोड़ों रुपए की लागत से राइस मिल स्थापित करने वाले मिलर भी गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। मिलरों का कहना है कि धान कुटाई का सीजन साल में एक ही बार आता है और इसी दौरान पूरे वर्ष का खर्च निकलता है। अधिकांश मिलर बैंक से करोड़ों रुपए का लोन लेकर व्यवसाय चला रहे हैं, जिन पर हर महीने भारी ब्याज देना पड़ता है।
एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) चावल उपलब्ध न होने के कारण एफसीआई गोदाम पर
सीएमआर का उतार नहीं हो पा रहा है। एफआरके के बिना एफसीआई द्वारा चावल स्वीकार नहीं किए जाने से मिलरों का अग्रिम चावल नहीं उतर पा रहा है, जिससे धान की कुटाई भी ठप पड़ी है। समय से कुटाई न होने की स्थिति में मिलरों के सामने आर्थिक नुकसान के साथ-साथ व्यवसाय बंद होने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है।
किसानों और मिलरों का कहना है कि यदि शीघ्र ही धान उठान, एफआरके की आपूर्ति और सीएमआर जमा प्रक्रिया को सुचारु नहीं किया गया, तो जिले की धान खरीद व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। ऐसे में सरकार को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देते हुए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके और मिलरों का व्यवसाय सुरक्षित रह सके।