कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।आलापुर तहसील के जहांगीरगंज विकासखंड अंतर्गत कुराव गांव में सरकार की जनकल्याणकारी "अमृत सरोवर" योजना पूरी तरह विफल साबित हो रही है। योजना के तहत संरक्षित किये जाने वाले तालाब की हालत गंभीर रूप से खराब हो गई है। तालाब सूखकर खेल के मैदान में तब्दील हो गया है, जिससे न केवल जल संरक्षण की मूल भावना क्षीण हुई है, बल्कि क्षेत्र के पशुधन और ग्रामीणों के लिए भी गंभीर जल समस्या उत्पन्न हो गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार तालाब का सूखना प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट संकेत है। पशु-पक्षी पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन तालाब सुरक्षा व संरक्षण के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान व अधिकारी तालाब को सुरक्षित दर्शाकर रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज रहे हैं, जबकि धरातल पर तालाब पूरी तरह खाली है और झाड़ झंकार से पटा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा, "यहां तक कि जानवरों को भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है, तालाब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है।" 'अमृत सरोवर' योजना का उद्देश्य जल संरक्षण, तालाबों का पुनरुद्धार और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बनाए रखना था। लेकिन कुराव के तालाब की हालत इस योजना की विफलता को उजागर करती है। सूखे तालाब के कारण स्थानीय जल स्रोतों पर दबाव बढ़ गया है और पशुपालन में भी बाधा उत्पन्न हो गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तालाबों का सूखना सिर्फ पानी की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि इससे पारिस्थितिक असंतुलन और मृदा क्षरण भी हो सकता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन तालाबों के नियमित निरीक्षण और मरम्मत की अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है। ग्रामीणों ने तालाब का तत्काल पुनरुद्धार करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो तालाब पूरी तरह नष्ट हो जाएगा और क्षेत्र में पानी की समस्या और गंभीर हो जाएगी।
तालाब की स्थिति ग्रामीण विकास और जल संरक्षण योजनाओं को भी प्रभावित करती है।
