देवल संवाददाता, गोरखपुर ।नेपाल के मधेसी जिलों में जकात (दान) के नाम फंडिंग कराई जा रही है, इसमें कुछ विदेशी एनजीओ सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों के मदरसों और मस्जिदों में इनकी सक्रियता ज्यादा है।
फंडिंग के इनपुट मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं, कौन से विदेशी एनजीओ सक्रिय हैं, साथ ही जकात, चैरिटी आदि के नाम पर फंडिंग लेने वाले एनजीओ की सक्रियता किन क्षेत्रों में है एजेंसियां इसकी जानकारी जुटा रहीं हैं।
नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती के खुले रास्तों और पगडंडियों से घुसपैठ की कोशिश में आए दिन विदेशी पकड़े जाते हैं। इस लिहाज से खुफिया एजेंसियां हमेशा अलर्ट मोड में रहतीं हैं।
पिछले महीने ही बहराइच के रुपईडीहा बॉर्डर पर पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हसन अमान को एसएसबी और नेपाल पुलिस ने पकड़ा था। घुसपैठ करते पकड़े गए हसन के बारे में जांच-पड़ताल में पता चला था कि वह तीन बार पाकिस्तान जा चुका है। अब इन रास्तों से पाकिस्तानी नेटवर्क की सक्रियता की आशंका के बाद चौकसी और ज्यादा बढ़ा दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक सेवा कार्यों की आड़ में नेपाल के मधेसी जिलों के मदरसों में फंडिंग कर स्लीपर सेल तैयार किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एजेंसियों की जांच में पता चला है कि मेडिकल कैंप और चैरिटी की आड़ में कुछ विदेशी एनजीओ नेपाल में सक्रिय हैं। इन्हीं के जरिये फंडिंग कराई जा रही है।
धार्मिक संगठनों में भारत विरोधी तत्व सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक सिद्धार्थनगर के अलीगढ़वा बॉर्डर के आसपास के इलाकों में इसी महीने सुरक्षा एजेंसियों ने जांच-पड़ताल की है। वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियां नेपाल की एजेंसियों के साथ मिलकर महराजगंज से जुड़े नेपाल के लुंबिनी, रूपनदेही और भैरहवा क्षेत्र में जांच-पड़ताल कर रहीं हैं।
आशंका है कि मधेसी जनपदों के कुछ धार्मिक संगठनों में भारत विरोधी तत्व सक्रिय हैं। नेपाल इंटेलिजेंस के एक उप केंद्रीय खुफिया अधिकारी ने मधेसी इलाकों के कुछ मदरसों व शैक्षिक संगठनों की निगरानी की पुष्टि की।
संतकबीरनगर में ब्रिटिश मौलाना पर दर्ज हुआ है केस
संतकबीरनगर जिले के दुधारा क्षेत्र के देवरियालाल गांव के रहने वाले मौलाना शमशुल हुदा पर भी विदेशी फंडिंग और जांच में पाकिस्तान से कनेक्शन पाए जाने के मामले में केस दर्ज हो चुका है। जांच में पता चला है कि ब्रिटिश नागरिकता ले चुके शमशुल के तीन बैंकों के सात खातों में विदेशों से रकम भेजी जाती थी।
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने इन खातों से रकम निकालने पर रोक लगा दी है और लगभग एक करोड़ रुपये फ्रीज करा दिए हैं। ये खाते मौलाना के एनजीओ और बेटे तौसिफ रजा खान व खुद मौलाना के नाम से खोले गए थे।
नेपाल बॉर्डर से जुड़े संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है। संतकबीरनगर से जुड़े ब्रिटिश मौलाना और छांगुर के मामले के बाद फिलहाल फंडिंग का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। खुफिया एजेंसियां भी लगातार निगरानी कर रहीं हैं। फंडिंग से जुड़ी कोई जानकारी मिलती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी