संतोष,देवल ब्यूरो, अतरौलिया (आजमगढ़)। अतरौलिया क्षेत्र के चिश्तीपुर स्थित प्रसिद्ध बाबा कैलेश्वर धाम में महंत की गद्दी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मंदिर के वर्तमान महंत और उनके शिष्य के बीच चल रहे इस विवाद ने अब गंभीर रूप ले लिया है।गद्दी पर बैठे महंत का आरोप है कि उनके शिष्य रहे राममिलन दास ने ही उन पर पहले जानलेवा हमला किया था, जिसकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी और वे जेल भी गए थे। महंत का कहना है कि राममिलन दास ने अब एक बाहरी व्यक्ति सुजीत दास को धर्मशाला में रख लिया है, जो अपने परिवार के साथ वहां रह रहे हैं। महंत ने इसे परंपरा और मंदिर की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई। शिकायत के बाद मौके पर एसडीएम, तहसीलदार और सीओ अतरौलिया पहुंचे और सुजीत दास को धर्मशाला खाली करने का निर्देश दिया।वहीं दूसरी ओर, राममिलन दास ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों से कुछ जमीन बैनामा ली है, जिस पर विवाद चल रहा है। उनके अनुसार सुजीत दास कथा वाचक हैं, जो कभी-कभी मंदिर में पूजा-पाठ करने और कथा कहने के बाद धर्मशाला में विश्राम करते हैं। उनके अनुसार, “सुजीत दास धर्मशाला की साफ-सफाई करते हैं और धार्मिक कार्यों में सहयोग देते हैं। उनके खिलाफ लगाया गया आरोप पूरी तरह झूठा है।”
राममिलन दास ने यह भी कहा कि वर्ष 2018 में बाबा पर हुए हमले के मामले में उन्हें झूठा फंसाया गया था, जबकि वे झगड़ा छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि “अब कुछ बाहरी लोग मिलकर मंदिर की धर्मशाला को खाली कराना चाहते हैं और वास्तविक सेवकों को भगाया जा रहा है।”इधर, कथा वाचक सुजीत दास ने कहा कि वे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे रहते हैं और दूर-दूर तक कथा कहते हैं। “मेरे ऊपर मिथ्या आरोप लगाकर मुझे धर्मशाला से निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि मेरा किसी विवाद से कोई लेना-देना नहीं है,” उन्होंने कहा।दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप से बाबा कैलेश्वर धाम का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। वहीं स्थानीय लोग चाहते हैं कि मंदिर की परंपरा और धार्मिक माहौल को बनाए रखने के लिए निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही की जाए। भक्ति और परंपरा के केंद्र बाबा कैलेश्वर धाम में बढ़ते विवाद से श्रद्धालुओं में निराशा का माहौल है। सभी की नजरें अब प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं।
