अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री अल-हाज नूरुद्दीन अजीजी इन दिनों दिल्ली के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भारत के स्पाइसेज बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात कर मसाला कारोबार बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने और संयुक्त निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
अफगान मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि भारत ने अफगानिस्तान में मसाला उत्पादन फैक्ट्रियां लगाने और व्यापार को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई है। बैठक में दोनों देशों ने दवाइयों के आयात से जुड़े मुद्दों, मसालों की गुणवत्ता सुधार, निवेश की संभावनाओं और दवाइयों के व्यापार में आने वाली चुनौतियों पर भी बात की।
दवा कंपनियों को समर्थन का भरोसा
अफगान मंत्रालय के अनुसार, अजीजी ने भरोसा दिया कि जो भी भारतीय दवा कंपनियां अफगानिस्तान में काम करना चाहेंगी उन्हें पूरा समर्थन दिया जाएगा। भारत के स्पाइस सेक्टर के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके काउंसिल में लगभग 57 मानक और विश्वस्तरीय फैक्ट्रियां सदस्य हैं।
बैठक में यह भी तय हुआ कि अफगानिस्तान के मसाला क्षेत्र के अधिकारी भारत आकर यहा की उन्नत फैक्ट्रियों का दौरा करेंगे। इसके बाद भारत का एक प्रतिनिधिमंडल काबुल जाकर दवा उत्पादन इकाइयां लगाने और निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं का आकलन करेगा।
भारतीय मंत्रियों से की मुलाकात
यह बैठक अजीजी के उच्च-स्तरीय भारत दौरे का हिस्सा है, जिसमें कई अहम मुलाकातें शामिल हैं। गुरुवार को अफगान मंत्री ने केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से मुलाकात की। दोनों ने व्यापार और आर्थिक सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की।
अजीजी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की जिसमे व्यापार, संपर्क बढ़ाने और लोगों के बीच रिश्तों को मजबूत करने पर बातचीत हुई। यह अफगान तालिबान सरकार के नेताओं की भारत में सबसे उच्च-स्तरीय यात्राओं में से एक है।
पाकिस्तान से दूरी बना रहा अफगानिस्तान
अजीजी ने इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) 2025 में भी हिस्सा लिया। उन्होंने ITPO के प्रबंध निदेशक नीरज खेड़वाल से मुलाकात कर भविष्य की प्रदर्शियों में अफगानिस्तान की भागीदारी पर चर्चा की। मंत्री ने मेले में अफगान उत्पादों के स्टॉल भी देखे और भारतीय व्यापारियों से बाजार विस्तार को लेकर बात की।
हाल ही में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तनाव और व्यापारिक अवरोध बढ़ाने के बाद अफगानिस्तान भारत, ईरान और मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अफगान मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान की बार-बार की बंदिशों से बचने के लिए वे ईरान के चाबहार पोर्ट का उपयोग कर रहे हैं, ताकि व्यापार सुचारु रहे और दबाव न बढ़े।
