देवल संवाददाता, आज़मगढ़। मंडलायुक्त विवेक की अध्यक्षता में मंडलायुक्त सभागार में पुलिस उप महानिरीक्षक और मंडलीय अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा बैठक हुई। बैठक में मंडलायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि POCSO, SC/ST, गैंगस्टर और गंभीर धाराओं में निरुद्ध कैदियों की प्रभावी पैरवी कर कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गंभीर धाराओं में किसी भी हालत में बेल न होने पाए और यदि बेल हो भी जाती है तो तुरंत उच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने अभियोजन अधिकारियों को आदेश दिया कि सभी वादों को व्यक्तिगत स्तर पर देखें और आवश्यक मामलों को जिलाधिकारी के संज्ञान में लाएं।
बैठक में पुलिस उप महानिरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने जानकारी दी कि ‘शिकंजा अभियान’ के तहत बड़ी संख्या में फर्जी जमानतदार पकड़े गए हैं और सभी पर FIR दर्ज की गई है, जिससे ऐसी जमानत पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि पिछले माह और इस माह के सभी त्योहार शांतिपूर्ण संपन्न कराए गए। अधिकतर हत्या के मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कई मामलों में हाफ एनकाउंटर भी कराया गया। चेन स्नेचरों पर भी प्रभावी कार्रवाई की गई है।
मंडलायुक्त ने आदेश दिया कि थानों में खड़े लावारिस वाहनों की नीलामी की कार्रवाई तेजी से की जाए और RTO कार्यालय के साथ समन्वय बनाते हुए जिन वाहनों का कोई रिकॉर्ड या वारिस न मिले, उनकी नीलामी समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने NHAI/ PWD के अधिकारियों को सकरी पुलिया पर लाइट और अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए, ताकि जाम व दुर्घटनाओं की समस्या समाप्त हो सके।
उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा, जिसमें अधिक से अधिक राजस्व व अन्य वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए अदालती आदेशों का समय पर पालन कर तामीला कराई जाए। मंडलायुक्त ने साइबर अपराध, ई-सम्मन और महिला अपराधों की भी समीक्षा की और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
IGRS पर शिकायतों के निस्तारण में आज़मगढ़ और बलिया के प्रथम स्थान पर रहने पर मंडलायुक्त ने दोनों जिलों को बधाई दी। बैठक में आज़मगढ़, बलिया और मऊ के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, ट्रैफिक एसपी, अपर निदेशक अभियोजन सहित मंडल के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
