दालमंडी में देव दीपावली के बाद से कटेंगे सीवर और पेयजल कनेक्शन
Author -
Dainik Deval
नवंबर 04, 2025
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देवल संवादाता,वाराणसी। दालमंडी के चौड़ीकरण योजना में आने वाले दिनों में घरों के पेयजल और सीवर कनेक्शन काटे जाएंगे। देव दीपावली और पीएम के दौरे के बाद कार्रवाई होगी। नगर निगम की ओर से पहले 151 बकायेदार भवन स्वामियों को डिमांड ऑफ नोटिस किया गया था। इन भवनों पर गृहकर, सीवर कर और जलकर का 1.78 करोड़ रुपये बकाया है।
निर्धारित समय पर कर न चुकाने पर भवनों को पहले मौका दिया जाता है। इसके बाद सीवर और पेयजल कनेक्शन काटे जाते हैं। इसके बाद भी जमा न करने पर कुर्की की कार्रवाई की जाती है। बकाया जमा करने के बाद मुआवजा देने के लिए नगर निगम ने पहले ही पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजा है। दालमंडी में कई ऐसे भवन हैं जो वर्षों से कर देने से बचते आ रहे थे।
बकाया जमा किए बिना नहीं मिलेगा मुआवजा
अब स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि बकाया जमा किए बिना कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। साथ ही सीवर और पेयजल कनेक्शन काटे जाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि चौड़ीकरण कार्य के साथ-साथ अब राजस्व वसूली और अवैध निर्माणों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। नई सड़क से चौक थाने तक दालमंडी सड़क को चौड़ी करने के साथ पुलिस गश्त कर रही है।
लोक निर्माण विभाग चौड़ीकरण की जद में आए भवनों की रजिस्ट्री कराने के प्रयास में है। भवन स्वामियों से संपर्क कर प्रपत्र देने की बात हो रही है। भवनों की रजिस्ट्री कराने के लिए चौक थाने में लगाए गए कैंप में भवन स्वामी पहुंचकर मुआवजा राशि के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
वीडीए ने 12 भवन स्वामियों को अवैध निर्माण का नोटिस दिया है। 308 उपभोक्ताओं पर छह करोड़ का बिजली बिल बकाया है। 29 पर चोरी का मुकदमा है। 38 लाख रुपये का असेसमेंट बकाया है। जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है कि बकाया चुकाए बिना किसी को मुआवजा न दिया जाए। श्री काशी विश्वनाथ धाम तक जाने वाले मार्ग को चौड़ा और सुगम बनाने के लिए दालमंडी को चौड़ा किया जाना है।
वीडीए सचिव और एडीएम सिटी से मिले दालमंडी के लोग
दालमंडी के चौड़ीकरण की योजना के तहत सोमवार को चौक थाने में खुले पीडब्ल्यूडी के कैंप कार्यालय में चार भवनों के कागजात सत्यापन के लिए पहुंचे। वीडीए ने जिन 12 भवन स्वामियों को नोटिस दिया था, सभी ने कार्यालय में वीडीए सचिव डाॅ. वेद प्रकाश मिश्रा, एडीएम सिटी आलोक वर्मा से मुलाकात की। बताया कि मौके पर कुछ अधिकारी आए थे और जीएसटी से जुड़े सवाल कर रहे थे।