आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। संविधान दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष प्राधिकरण सुशील शशि के नेतृत्व निर्देशन एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव पूर्णकालिक प्रशांत सिंह की देख—रेख में विधिक साक्षरता जागरूकता गोष्ठी का आयोजन हुआ। रामजानकी इण्टर कॉलेज धर्मापुर में आयोजित गोष्ठी में सचिव प्रशांत सिंह, डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डॉ दिलीप सिंह, देवेंद्र यादव काउंसलर पारिवारिक न्यायालय, कॉलेज के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं सति तमाम लोग उपस्थित रहे।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव पूर्णकालिक प्रशांत सिंह ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और उसमें सभी मूलभूत सिद्धांतों, जैसे प्रजातांत्रिक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य अवसर की सामान्य बंधुत्व एकता और अखंडता नागरिकों की गरिमा का संपूर्ण विवेचन करते हुए उसे संविधान की कुंजी और संविधान की आत्मा बताया और कहां संपूर्ण संविधान की कुंजी उसकी प्रस्तावना में ही निहित है जो 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। उन्होंने संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ बीएन राव सहित अन्य सदस्यों को याद करते हुए उन्हें महान संविधान निर्माता बताया।गोष्ठी का संचालन करते हुये डॉ. दिलीप सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल जिला वैदिक सेवा प्राधिकरण जनपद न्यायालय ने कहा कि संविधान किसी देश का सर्वोच्च विधान है जिसके अनुसार कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका काम करते हैं। सारे वीडियो और अन्य चीजों को उसी से शक्ति मिलती है।संविधान ही सर्वोच्च है और संविधान की व्याख्या करने का अधिकार एकमात्र न्याय पालिका को है।
काउंसलर पारिवारिक न्यायालय देवेंद्र यादव ने कहा कि संविधान दिवस याद दिलाता है कि हमारा संविधान ही सर्वोपरि है। इसके अनुरूप चलकर हम मूलभूत अधिकार एवं कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी गरिमा प्राप्त की जा सकती है। सब कुछ भारतीय संविधान की देन है। इस दौरान विद्यालय की प्रधानाचार्य एवं छात्र—छात्राओं से संविधान दिवस पर संविधान संबंधित जागरूकता के अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। प्रधानाचार्य एवं शिक्षिकाओं ने लोगों को संविधान के प्रति समर्पित और जागरूक होने को कहा। कार्यक्रम का प्रारंभ माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ जहां तमाम लोग उपस्थित रहे।
.jpg)