देवल संवाददाता, आजमगढ़। वाराणसी जोन में पहली बार भारत न्याय संहिता की धारा 107 के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति की न्यायालय द्वारा जब्ती की गई। जनपद आजमगढ़ के नगर क्षेत्र में यह कार्रवाई जेल विभाग के सरकारी खाते से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्त के खिलाफ की गई। पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त रामजीत यादव ने 23 जनवरी 2025 से 22 सितंबर 2025 के बीच जिला कारागार आजमगढ़ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के पदेन सरकारी खाते (केनरा बैंक) से संबंधित चेकों पर जाली हस्ताक्षर कर कुल 52 लाख 85 हजार रुपये अपने एवं अपने साथियों के खातों में ट्रांसफर किए। इस अवैध धन से उसने दो मोटरसाइकिलें रॉयल एनफील्ड बुलेट क्लासिक, हीरो स्प्लेंडर खरीदी। दोनों वाहन ठीक उसी अवधि में खरीदे गए जब अवैध ट्रांजेक्शन हुए। अभियुक्त संपत्ति की वैध आय का कोई सबूत नहीं दे सका। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह की अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक नगर मधुवन कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर शुभम तोदी एवं विवेचक दल प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोनों मोटरसाइकिलों को “अपराध से अर्जित संपत्ति” मानते हुए कुर्क करने का आदेश पारित किया। यह कार्रवाई वाराणसी जोन के आजमगढ़ रेंज में धारा 107 बीएनएसएस के तहत संपत्ति जब्ती की पहली सफल घटना है।
