देवल संवाददाता, आजमगढ़। सेटेलाइट से मिली रिपोर्ट में 23 नवम्बर को पराली जलाने की 6 घटनाओं की पुष्टि होने पर प्रशासन ने संबंधित किसानों पर कुल 15,000 रुपये जुर्माना लगाया और मामले में लापरवाह 10 कर्मियों व 10 पर्यवेक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया।
आजमगढ़ में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए राजस्व व कृषि विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। फसल अवशेष जलाने और बिना अवशेष प्रबंधन यंत्रों के कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसी क्रम में प्रभारी उप कृषि निदेशक डॉ. गगनदीप सिंह, सहायक विकास अधिकारी (कृषि) एवं क्षेत्रीय कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत कबीरुद्दीनपुर, विकासखंड अतरौलिया में किसानों को फसल अवशेष न जलाने और वेस्ट डी-कम्पोजर से कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि समझाई। किसानों से इस जानकारी को अन्य कृषकों तक पहुँचाने की अपील भी की गई।
प्रभारी उप कृषि निदेशक ने कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों को चेतावनी दी कि बिना फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण जोड़े कटाई करने पर सीजर और अर्थदंड की कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी ने तहसील, विकासखंड और ग्राम स्तर पर गठित समितियों को क्षेत्र में सतत चक्रमण कर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान मृदा की गुणवत्ता में गिरावट तथा मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभावके बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
कृषि विभाग द्वारा सभी विकासखंडों में फार्मर रजिस्ट्री कैंपों में बैनर लगाकर भी कृषकों को जागरूक किया जा रहा है।
