देवल, ब्यूरो चीफ,(संगम पांडेय) सोनमद्र / म्योरपुर। सिंगरौली परिक्षेत्र में श्वास और चर्म रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। उद्योगों और राख परिवहन से निकले वाले धूल के कण व पानी और हवा में फ्लोराइड की मौजूदगी पाई गई है। सीएचसी म्योरपुर द्वारा सिंदूर, अनपरा, घरसडी, शक्तिनगर, योगीन्द्रा, बीजपुर, खजुरा, बेलहत्थी, जामशिला, खता, मुर्धवा, कोडरा, रजमीलान, डॉडहर, कुंवारी पर पिछले महीने किए गए मरीजों के स्वास्थ्य की जांच और इलाज में जामशिला में सबसे ज्यादा 30 श्वास और 26 फ्लोरोसिस पीड़ित मरीज पाए गए हैं। इसी तरह बीजपुर में 72 की जांच में 12 लोग श्वांस रोग से पीड़ित मिले है। 12 मरीज फ्लोराइड से जूझ रहे है। डोडहर में 76 की हुई जांच में 18 श्वास और 6 फ्लोरोसिस रोग से पीडित मरीज मिले है।। इसी तरह घरसड़ी में भी 30 मरीज श्वास रोग से जूझ रहे है। स्वास्थ्य टीम का मानना है कि क्षेत्र में श्वास रोग फैलने का प्रमुख कारण ट्रकों से बगैर ढ़के किए जा रहे कोल परिवहन है। कोल परिवहन के दौरान ट्रक के डालो को पूरी तरह तिरपाल से ढका नहीं जाता या तो तिरपाल फटे लगा दिए जाते है. जिससे बड़े पैमाने पर धूल के कण वायुमंडल के संपर्क में आते है, जिससे क्षेत्र में चर्म रोग व दमा जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं। सिंगरौली और म्योरपुर ब्लॉक के शक्तिनगर, बीना, अनपरा, रेणुकूट सहित म्योरपुर क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों में चर्म और स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियों में इजाफा हुआ है। यही नहीं खुले में कोयला एवं राख परिवहन से चर्म के अलावा दमा के मरीजों में भी काफी इजाफा हुआ है। सिंगरौली परिक्षेत्र निवासी एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिंगरौली परिक्षेत्र में ही 25 वर्षों तक निवास करने और यहां के प्रदूषण के कारण उसको स्किन इंफेक्शन हो गया, जो अभी तक ठीक नहीं हुआ। उसके दोनों हाथों की चमड़िया फट गई हैं। नितिन सिंह, उमेश वैश्य, विश्वजीत, विवेक पांडेय, शिव कुमार, विनोद, प्रशांत दुबे, दीपक वैश्य, अमित, आदर्श सिंह, रवि कुमार आदि लोगों का कहना है कि पावर कैपिटल के नाम से मशहूर उर्जाचंल का सिगरौली एवं सोनभद्र पूरे भारत में पहले से मशहूर है। लेकिन स्थानीय रहवासियों को विस्थापन, प्रदूषण, घातक बीमारियों से कीमत चुकानी पड़ रही है । अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो लोगों का जीवन कठिन होता जाएगा और ऊर्जा क्षेत्र के साथ यह क्षेत्र बीमार लोगों के नाम से जाना जाएगा। उधर मामले में म्योरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डा. पीएन सिंह ने बताया कि बगैर ढ़के कोयला परिवहन के साथ
ओवरलोड वाहनों के संचालन से उड़ने वाली धूल श्वास रोग को बढ़वा दे रहीं हैं। 16 स्वास्थ्य शिविर में 1444 मरीजों के स्वास्थ्य की हुई जांच में 179 लोग श्वांस रोग से पीड़ित मिले हैं। इसी तरह करीब 97 लोग फ्लोरोसिस पीड़ित पाए गए है।
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