देवल संवाददाता, मऊ। जिला गंगा समिति मऊ के तत्वावधान में विद्यालय स्तरीय नदी जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत एस. बी. बाल विद्या मंदिर, गौरीडीह में "एक शाम घाघरा के नाम" सांस्कृतिक एवं जन जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन नदियों के संरक्षण,स्वच्छता और समाज में जनसहभागिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण से किया गया। 400 से अधिक बच्चों ने बापू और शास्त्री जी की तस्वीरें हाथों में लेकर ‘गांधी जी अमर रहें', ‘शास्त्री जी अमर रहें’ तथा ‘जय जवान, जय किसान’ के नारों से आमजन में देशप्रेम का जोश भर दिया।” इसके उपरांत विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वच्छता,नशा मुक्ति, देशभक्ति और नदी संरक्षण का संदेश उपस्थित जनमानस को दिया।
बच्चों ने वन है तो जीवन है,मोबाइल की बुरी लत,झांसी की रानी आई, सैयाँ छोड़ दो तू पियेल शराब, स्वच्छता की ज्योति जली रे तथा सरयू नदी का पानी हमने कह जिंदगानी जैसे गीत,नृत्य,लोकगीत और एकांकी नाटकों की प्रस्तुति दी। इन प्रस्तुतियों ने ग्रामवासियों और विद्यार्थियों को न केवल मनोरंजन किया,बल्कि उन्हें सामाजिक मुद्दों पर गहराई से सोचने के लिए प्रेरित भी किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परियोजना अधिकारी, नमामि गंगे, डॉ. हेमंत कुमार यादव ने विद्यार्थियों और ग्रामवासियों को स्वच्छता और नदी संरक्षण का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन और समाज के विकास के लिए चार 'स'—स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण—पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ. यादव ने कहा कि स्वच्छता केवल हमारे शरीर और घर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे गांव,जनपद,राज्य,देश और विशेष रूप से नदियों से जुड़ी हुई है। जब हम स्वच्छ रहेंगे तभी स्वस्थ रह पाएंगे। स्वस्थ शरीर से ही हम शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकते हैं। एक शिक्षित व्यक्ति ही सशक्त नागरिक बनता है और राष्ट्र के विकास में योगदान देता है।
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों और युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खान-पान की शुद्धता और पर्यावरण की सुरक्षा ही हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाएगी। इसी के माध्यम से हम एक सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में बच्चों द्वारा सफाई अभियान भी चलाया गया। बच्चों ने प्लास्टिक कचरे को चुनकर उसका निस्तारण किया और स्वच्छता का व्यावहारिक उदाहरण प्रस्तुत किया। यह अभियान बच्चों के भीतर जिम्मेदारी और पर्यावरणीय चेतना का विकास करने में सहायक सिद्ध हुआ।ग्राम सभा गौरीडीह के ग्राम प्रधान अन्द्रिका कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना की और उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों की प्रतिभा को निखारते हैं, बल्कि उन्हें समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भी अवसर देते हैं।
कार्यक्रम के सफल संचालन में विद्यालय परिवार एवं स्थानीय समुदाय का विशेष सहयोग रहा। संचालन का दायित्व बृजेश सिंह ने निभाया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय प्रबंधक रामध्यान यादव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुश्री पूजा सिंह,कमलेश सिंह और आदित्य सहित अनेक शिक्षकों व विद्यार्थियों ने सक्रिय सहयोग दिया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।इस प्रकार "एक शाम घाघरा के नाम" कार्यक्रम ने नदियों के महत्व,स्वच्छता की आवश्यकता और समाज के सशक्तिकरण का संदेश व्यापक रूप से प्रसारित किया। यह आयोजन जिले में नदी संरक्षण और स्वच्छता को लेकर जन जागरूकता का सशक्त माध्यम बन गया।
