देवल संवाददाता, आजमगढ़। दिनांक 9 सितंबर को भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जयनाथ सिंह जी ने एक प्रेस वार्ता करते हुए यह बताया की कैसे विधायक और सांसद निधि में जमकर हो रहा है घोटाला और भ्रष्टाचार। अध्यक्ष महोदय का कहना था कि जिस आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के 10 विधायक हैं, दो सांसद हैं, नगर पालिका नगर, पंचायत अध्यक्ष भी हैं, और इन सब लोगों की निधि को जोड़ दिया जाए तो कल 350 करोड रुपए होते हैं, और अगर इस पैसे का सही इस्तेमाल किया जाता तो आजमगढ़ का विकास इस तरह बाधित नहीं होता। जयनाथ सिंह जी द्वारा लगाए गए इस आरोप के जवाब में आजमगढ़ विधानसभा सीट से विधायक संग्राम यादव ने हमारे संवाददाता से बात करते हुए कहा कि अगर उनको इतना ही शक है तो सरकार उनकी है जांच क्यों नहीं करवा लेते हैं। विधायक महोदय ने कहा की विधायक निधि का इस्तेमाल बिना जिलाधिकारी महोदय और मुख्य विकास अधिकारी महोदय के इजाजत के नहीं हो सकता है, तो इसका मतलब जयनाथ सिंह क्या कहना चाह रहे हैं कि जनपद के जिलाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, पूरा विकास भवन भ्रष्टाचार में लिप्त है। विधायक महोदय ने यह भी कहा की 2027 में आजमगढ़ की विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए एक बार फिर से आजमगढ़ के भाजपा के नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है, और ना ही किसी सीट पर कोई उम्मीदवार है। इस वजह से भाजपा के नेता ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिससे जनता के मन में वह भ्रम पैदा कर सकें, परंतु विधायक महोदय ने कहा कि "मैं यह कहना चाहता हूं कि सरकार उनकी है, वह जांच करवाने के लिए स्वतंत्र हैं, और अगर जांच में उनके कथन में कोई सत्यता नहीं आती है तो उन्हें इसी तरह एक प्रेस वार्ता करके माफी भी मांगनी होगी" । विधायक महोदय ने पूर्व भाजपा अध्यक्ष पर व्यंगता पूर्वक व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि "लग रहा है उन्हें हिस्सा नहीं मिल पा रहा है इस वजह से वह इतना छटपटा रहे हैं"।