मृतका के ससुर ने मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर लगाया आरोप
देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। जिला मुख्यालय के प्रमुख शहर सोनभद्र नगर के एक चर्चित प्राइवेट अस्पताल में बीते दिनों इलाज में बरती गई लापरवाही से एक महिला की जान चली गई। यह आरोप लगाते हुए मृतका के परिजनों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, गृह सचिव के साथ ही जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर महिला की मौत के लिए जिम्मेदार सांई हास्पिटल के चिकित्सक डा. संजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग किया है।
मुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायत पत्र में मृतका अंकिता पांडेय पत्नी धर्मराज पांडेय के ससुर अनील देव पाण्डेय निवासी परासी पांडेय थाना राबर्ट्सगंज ने सांई हास्पिटल के चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि उनकी बहू अंकिता पांडेय को को बुखार था। बीते 5 सितम्बर की रात दवा-इलाज के लिए उसे सांई अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक डा संजय सिंह ने मरीज को देखने के बाद मौसमी बुखार होने की बात कही। शिकायत कर्ता के अनुसार डाक्टर संजय सिंह ने मरीज को इंजेक्शन लगाने के बाद अस्पताल में भर्ती कर लिया। दूसरे दिन अंकिता पांडेय के खून की जांच करायी गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद डाक्टर संजय सिंह ने खून की कमी बताते हुए 5 यूनिट ब्लड के साथ ही प्लेटलेट कम होने की बात कही। डाक्टर ने कहा कि ब्लड से प्लाजमा बनाकर मरीज को चढ़ाना होगा। डाक्टर की सलाह पर परिजनों ने 5 यूनिट ब्लड की व्यवस्था किया। बाद डाक्टर ने बाहर से पाऊच प्लाजमा मंगाकर मरीज को चढ़ाया। आरोप है कि प्लाजमा चढ़ाते ही मरीज का शरीर नीला पड़ गया। शरीर में चकत्थे व दाने-दाने दिखाई देने लगे। पूछने पर डाक्टर ने कहा कि प्लाजमा का असर है। ब्लड चढ़ाने के बाद सही हो जायेगा। महिला की हालत बिगड़ता देख परिजनों ने उसे रेफर करने के लिए डाक्टर से कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आरोपों पर गौर करें तो ब्लड चढ़ाने के करीब 15 मिनट बाद ही मरीज की हालत बेहद खराब हो गयी और वह बेहोश हो गयी। अंत में मरीज के परिजनों से अस्पताल के कर्मियों ने 40 हजार रूपए जमा कराने के बाद रेफर कर दिया। परिवार के लोग उसे वाराणसी ले जा रहे थे कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सांई हास्पिटल में मरीज के दवा इलाज में बरती गई लापरवाही की वजह से ही उसकी मौत हुई है। यदि अस्पताल के डाक्टर संजय सिंह बीमार महिला को समय से ही रेफर कर दिए होते तो शायद उसकी जान बच सकती थी। उधर लगाए जा रहे आरोपों के बावत सांई हास्पिटल के चिकित्सक डा. संजय सिंह से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं मिले। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।