देवल संवाददाता, लखनऊ। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास के बाहर उनका पुतला फूंका। घायल छात्रों के खिलाफ दिए गए बयान पर आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने रात 09:50 बजे हजरतगंज स्थित मंत्री आवास पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई। कई छात्र इतने क्रोधित थे कि वह मंत्री के आवास परिसर में कूद गए। उन्होंने आवास के भीतर पहुंचकर मंत्री के विरोध में नारे लगाए। जब पुलिस उन्हें बाहर खींचने लगी, तभी कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस से हाथापाई भी की। जिससे कई छात्रों और पुलिसकर्मियों को चोटें भी आईं।
एबीवीपी राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि कार्यकर्ताओं पर प्रदेश सरकार के मंत्री राजभर की संवेदनहीन टिप्पणी की कड़ी निंदा है। मांग है कि ओपी राजभर कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों से माफी मांगे और प्रदेश सरकार उनसे इस्तीफा ले।अवध प्रांत के प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र वाजपेयी ने कहा कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंत्री राजभर के आवास के बाहर प्रदर्शन कर पुतला दहन किया है । प्रदर्शन में जतिन शुक्ला, विकास तिवारी, विवेक मिश्रा, शशि प्रकाश मिश्रा उपस्थित रहे।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने बताया कि लखनऊ आवास पर कुछ छात्र संगठन के लोगों ने आवास पर पत्थर फेंके और ओम प्रकाश राजभर जी को गाली दीं। महिला आरक्षियों से अभद्रता भी की। सुभासपा ने विद्यार्थियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की है। सुभासपा मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करती है। पार्टी विद्यार्थियों के हित में उनके साथ खड़ी है लेकिन अभद्रता किसी को नहीं करनी चाहिए।
ओपी राजभर ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के सवाल पर एक मीडिया चैनल से कहा कि संविधान से देश चल रहा है। देश कानून से चलता है। आप शिक्षा मंत्री से मिलो, प्रमुख सचिव शिक्षा से मिलो, मुख्यमंत्री से मिलो। यहां से काम नहीं होता तो रक्षा मंत्री से मिलो। प्रधानमंत्री से मिलो। कानून तोड़ने पर प्रधानमंत्री को भी जेल जाना पड़ा। लालूजी को जेल जाना पड़ा। केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। पुलिस का काम है लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल करना। अगर आप गुंडागर्दी करोगे तो पुलिस कार्रवाई करेगी।