अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी टैरिफ को आर्थिक ब्लैकमेल की संज्ञा दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि ये टैरिफ भारत को आत्मसंतुष्टि और निर्भरता से मुक्त होने के लिए एक थेरेपी के तौर पर भी काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उद्योग, नीति निर्माता और राजनयिक मिलकर काम करें, तो आज का टैरिफ आतंक कल बदलाव का कारण बन सकता है।
दुनिया एक बड़े दांव वाले नाटक को देख रही
इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मनोरंजन शर्मा ने कहा, आगे का काम मुश्किल है, लेकिन ईमानदारी और ठोस प्रयासों से हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं। सिर्फ जरूरत है पूरी रफ्तार से आगे बढ़ने और पूरी ताक से काम करने की। फिलहाल, दुनिया एक बड़े दांव वाले नाटक को देख रही है। क्या भारत झुकेगा, टूटेगा या फिर वापसी करेगा!