देवल संवाददाता, मऊ। गर्भधारण करने के पश्चात रक्तस्राव होने के कारण 29वें सप्ताह में दो बच्चों को जन्म देने वाली आजमगढ़ निवासी पूजा को उसके बच्चों के साथ बचा लिया गया है। स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा बाल रोग विभाग के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम द्वारा किये गये अथक प्रयास के कारण जच्चा और बच्चा दोनों को सकुशल बचाया जाना अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। स्त्री एवं प्रसूति तथा बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉ एकिका सिंह ने यह बातें शुक्रवार को शारदा नारायण हास्पिटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताई। डॉ सिंह ने बताया कि गर्भधारण के 24 वें सप्ताह में खून की कमी के कारण पूजा को रक्तस्राव होने लगा। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ स्निग्धा सोनल की देखभाल के कारण गर्भावस्था को 29वें सप्ताह तक तक रोका गया पर स्थिति प्रतिकूल होने की दशा में आपरेशन किया गया। जन्म के समय दोनों शिशुओं का कम वजन, फेफड़े का न बनना व दीमाग के विकसित न होने की समस्या बनी रही। ऐसे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ईना यादव की देखरेख में एनआईसीयू में उनका निरंतर गुणात्मक उपचार कर दोनों की जान बचाने के साथ ही उनको पूर्ण रुप से स्वस्थ किया गया। चिकित्सा जगत में इस तरह का उपचार अपने आप में एक उदाहरण जैसा है। संस्थान निदेशक डॉ संजय सिंह ने मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह की देखरेख में संचालित हो रहे आईसीयू व एनआईसीयू की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।