देवल संवाददाता,आजमगढ़ पटवध से बबलू राय : जनपद के महराजगंज थाना अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परशुरामपुर पर मंगलवार को एक महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत होने पर परिजनों ने स्टाफ नर्सों के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शाम तक हंगामा किया। सूचना पर महराजगंज थाने की पुलिस तथा भाजपा नेता सत्येंद्र राय एवं डिप्टी सीएमओ अविनाश झा मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की बात करते हुए मामले को शांत कराने में लग रहे।
महराजगंज थाना के कुडही ढाला निवासी सरबजीत साहनी उनकी पत्नी वंदना साहनी उम्र लगभग 24 वर्ष को पहले बच्चे की पैदाइश का मामला था जिसको गांव की आशा माधुरी के द्वारा मंगलवार को सुबह लगभग 9:00 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परशुरामपुर पर भर्ती कराया गया। परिजनों ने बताया की प्रथम पाली ड्यूटी में कार्यरत स्टाफ नर्स नाम अज्ञात ने बंदना की जांच पड़ताल करते हुए बताया कि अभी बच्चे की पैदाइश में लगभग 4 से 5 घंटे का समय है और इलाज शुरू कर दिया गया। दो-तीन घटे के इलाज के दौरान तैनात स्टाफ नर्स द्वारा कहा गया कि अभी हम नॉर्मल डिलीवरी करा दे रहे हैं फिर कुछ देर बाद बाहर आकर बताया गया कि आप अपने मरीज को फातिमा हॉस्पिटल बिलरियागंज लेकर चले जाइए वहां डिलीवरी आसानी से हो जाएगी। इस बात पर परिजनों ने कहा कि नहीं हम जिला महिला अस्पताल लेकर जाएंगे या फिर यहीं पर सामने स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम में लेकर जाएंगे तो महिला स्टाफ नर्स द्वारा वहां ले जाने से मना कर दिया गया(दैनिक देवल)। और फिर डिलीवरी कराने का प्रयास किया जाने लगा। महिला स्टाफ नर्स की ड्यूटी 2:00 बजे समाप्त हो गई और वह चली गई। सेकंड शिफ्ट ड्यूटी में कार्यरत स्टाफ नर्स उषा यादव उपस्थित होकर डिलीवरी कराई और उनके द्वारा परिजनों से कहा गया कि बच्चे को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल जाइए। परिजनों द्वारा गेट के बाहर किसी डॉक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि बच्चे की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। इसी बात को लेकर परिजनों ने स्टाफ नर्सो के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर महराजगंज थाने की पुलिस पहुंच गई। अफसोस इस बात का है कि पूरा हॉस्पिटल एक दिव्यांग फार्मासिस्ट और कुछ स्टाफ नर्सो के भरोसे चल रहा है(दैनिक देवल)। वहां पहुंचे क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर तैनात अस्पताल के अधीक्षक कभी आते ही नहीं। महीने में दो से तीन दिन ही उनकी उपस्थिति केवल दर्ज होती है। अस्पताल के अधीक्षक को फोन से बात करने का प्रयास किया गया घंटी बजती रही लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ और बाद में स्विच ऑफ कर दिया गया। यह अस्पताल समाजवादी पार्टी के शासनकाल में देवारा और वहां के ग्रामीण अंचलों को देखते हुए करोड़ों की लागत से बिल्डिंग भवन बनवा कर सारी सुविधाएं दी गई जिससे यहां आम जनता को बढ़िया सुविधा मिल सके। लेकिन क्या पता था कि यहां की स्थिति बद से बदतर रहेगी। यहां तक की अस्पताल में मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए डिस्चार्ज स्लिप तक उपलब्ध नहीं थी। मौके पर सैकड़ो की संख्या में कई गांव के ग्रामीण और ग्राम प्रधान जुट गए।जुड़ा रामपुर के प्रधान बबलू राय ने इस मामले की सूचना भाजपा नेता सत्येंद्र राय को दी। सूचना मिलते ही भाजपा नेता सत्येंद्र राय भी मौके पर पहुंचकर परिजनों और उपस्थित स्टाफ नर्स से वार्ता की। फिर भाजपा नेता सत्येंद्र राय द्वारा जनपद के बड़े अधिकारियों से इस मामले पर अवगत कराया गया। अधिकारियों ने कहां की इस मामले की जांच करा कर मातहतों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। इस मामले की सूचना मिलते ही जनपद के सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार ने मौके पर डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अविनाश झा को जांच पड़ताल के लिए भेजा। मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अविनाश झा ने परिजनों से पूरी जानकारी लेते हुए मौके पर स्टाफ नर्स ऊषा यादव को बुलाकर पूछताछ की गई और परिजनों को आस्वस्त करते हुए दूसरे दिन सीएमओ कार्यालय पर पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र देने की बात कही गई। वहां उपस्थित ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया कि कोई भी डिलीवरी का केस आता है तो यहां की स्टाफ नर्सो द्वारा उसको निजी अस्पतालों में अपने कमीशन के लालच में भेजा जाता है(दैनिक देवल)। यहां के स्टॉप नर्सों का कृत अच्छा नहीं है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर स्थानांतरण करते हुए उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। जनपद का यह कोई पहला मामला नहीं है इस तरह के मामले होते रहते हैं। अभी बीच में बिलरियागंज स्थित शिफा नर्सिंग होम में भी जच्चे बच्चे की मौत होने पर परिजनों द्वारा आरोप लगाते हुए काफी हंगामा किया गया जिसके जांच पड़ताल की कार्यवाही अभी चल रही है।अब देखना यह है कि ऐसे मामलों में प्रशासन अपने मातहतों के ऊपर क्या कार्यवाही करता है।