देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कर्मियों ने बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा। इस दौरान कर्मियों ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की।
संगठन के जिलाध्यक्ष सुनीता ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइयों का इस सरकार में उत्पीड़न किया जा रहा है। अल्प मानदेय मिलने पर भी वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाती है। कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा रसोइयों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन, ईएसआई, ईपीएफ, ग्रेडड्यूटी देने की मांग को अनसुना किया जा रहा है। कहा कि प्रदेश में पिछले वर्षों से विद्यालयों की बंदी और कंपोजिट विद्यालय बनाने की कार्यवाही चल रही है। इस कम में शिक्षकों एवं शिक्षा मित्रों को समायोजित करने की व्यवस्था है, लेकिन रसोइयों के नियोजन की निरंतरता के सम्बन्ध कोई स्पष्टता नहीं है। मानदेय के रूप में मिलने वाले 2000 रूपए के भुगतान में भी रसोइयों को कई-कई महीने इंतजार करना पड़ता है। वर्तमान समय में भी 5 माह का मानदेय रूका है। जबकि वर्तमान समय में बच्चों के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने के साथ ही कृषि कार्य चल रहे है। रक्षा बंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार सामने है। ऐसी दशा में रसोइयों के मानदेय का भुगतान न किया जाना बेहत चिंताजनक है। अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मांगों को लेकर पत्राचार करने पर वर्तमान सरकार सिर्फ आश्वासन
दे रही है। इस मौके पर सचिव सोनी, फुलमती, शान्ति देवी, फुलझरी, चन्द्रावती, सोनी देवी, नाजमा खातून, अमीना खातून आदि मौजूद रहे।