देवल संवादाता,वाराणसी।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार ने नाइट मार्केट प्रोजेक्ट के नाम पर काशी की जनता के साथ जो छल-कपट किया है पीड़ित दुकानदार कभी माफ नहीं करेंगे।
पीड़ितों के गिरे एक-एक आंसू का हिसाब काशीवासी करेंगे। 11 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस प्रोजेक्ट के जरिए ठेला-पटरी और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना था। महज दो साल में यह परियोजना अब खत्म होने की कगार पर है। नाइट मार्केट प्रोजेक्ट की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि 11 करोड़ रुपये आखिर कहां गए?
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार ने काशी की जनता के पीठ व पेट दोनों पर खतरा कायम कर दिया। यह पीड़ित दुकानदार काशीवासी मेरे परिवार के लोग हैं इनके साथ जो कृत्य सरकार ने किया निंदनीय है। 11 करोड़ में से केवल 5-6 करोड़ रुपये ही वास्तविक निर्माण कार्यों पर खर्च हुए, शेष राशि कथित रूप से कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गई। जिस उद्देश्य से इस नाइट मार्केट की शुरुआत हुई थी यानी रोजगार सृजन वह दम तोड़ चुका है।
आज स्थिति यह है कि डेढ़-दो सौ दुकानदारों को मार्केट से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उनके पास न तो कोई वैकल्पिक स्थान है, ना मुआवजा, ना ही कोई भविष्य की योजना। लोगों का कहना है कि दो वर्ष रोजगार देकर अब बेरोजगारी में धकेला जा रहा है।
अब चर्चा है कि इस नाइट मार्केट की जगह एक नया सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट 10 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया जाएगा। सवाल यह है कि अगर पुरानी योजना दो साल भी नहीं चली, तो क्या इस नई योजना का भी वही हश्र होगा?
हम मांग करते हैं कि नाइट मार्केट प्रोजेक्ट की निष्पक्ष जांच हो और यह पता लगाया जाए कि 11 करोड़ रुपये कहां और कैसे खर्च हुए और हटाए गए दुकानदारों को वैकल्पिक जगह और पुनर्वास के साथ रोजगार सुनिश्चित किया जाए।