कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर । अम्बेडकर नगर में जिला अधिकारी अनुपम शुक्ला के सख्त निर्देशों के बावजूद अम्बेडकर नगर में उर्वरक विक्रेताओं की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। खासकर बसखारी क्षेत्र के जलालपुर रोड, सरदार नगर, किछौछा, चौरसिया खाद भंडार भिड़ूढ़, नर्सरिया, भिटौरा कर्बला जैसे इलाकों में यूरिया की ओवररेट बिक्री आम हो चुकी है।
किसानों का आरोप है कि बिना लघु उर्वरक (लघड़) के उन्हें यूरिया नहीं दिया जा रहा है। शक्तिमान यूरिया के साथ ‘ऊर्जा’ नामक उत्पाद जबरन थमाया जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता और असर पर सवाल उठ रहे हैं। किसानों का कहना है कि ऊर्जा का फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन दुकानदार इसे लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है, “हम अपने खेत में सल्फर या जिंक डालना चाहते हैं, लेकिन दुकानदार जबरन ऊर्जा पकड़ाते हैं, जो न तो ब्रांडेड है और न ही असरदार। इससे हमारी लागत बढ़ जाती है, लेकिन उत्पादन पर कोई खास असर नहीं दिखता।”
किसानों ने यह भी बताया कि यह सब या तो कंपनियों के दबाव में किया जा रहा है या फिर दुकानदार खुद अधिक मुनाफे के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे किसानों की पहले से तंगी की स्थिति और बदतर हो गई है।
जिला प्रशासन द्वारा उर्वरकों की उचित दर पर उपलब्धता और अनिवार्य विक्रय नीति को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं, परंतु इन निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर जिलाधिकारी के आदेश हवा-हवाई क्यों साबित हो रहे हैं? किसानों की आय दुगनी करने का सरकार का सपना आखिर कब तक जिम्मेदारों की लापरवाही में दम तोड़ता रहेगा?