देवल संवाददाता,आजमगढ़ ।आजमगढ़ साइबर थाना पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुजरात के भावनगर से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों ने फर्जी CBI और एंटी-करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से लगभग 35 लाख रुपये की ठगी की थी। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान सरवैया कौशिक और भगीरथ सिंह जाला के रूप में हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात/नोडल साइबर क्राइम) के पर्यवेक्षण में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक विभा पाण्डेय की अगुवाई में गठित पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह सफलता हासिल की(दैनिक देवल)। अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा संख्या 08/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है, जिसमें BNS की धारा 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 और IT एक्ट की धारा 66C, 66D शामिल हैं।
घटना का खुलासा तब हुआ जब 23 फरवरी 2025 को पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर खुद को CBI अधिकारी बताकर डराया-धमकाया और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उनके खातों में 35 लाख रुपये जमा करवा लिए। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे और फिर ATM व चेक के जरिए निकासी कर कमीशन के लिए अंगड़िया केंद्रों के माध्यम से पैसे भेजते थे।
आजमगढ़ पुलिस ने जनता से अपील की है कि साइबर अपराध से बचने के लिए अज्ञात कॉल्स, संदिग्ध लिंक्स और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें(दैनिक देवल)। किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है, और ऐसे कॉल्स साइबर ठगों द्वारा किए जाते हैं।
गिरफ्तारी में निरीक्षक विभा पाण्डेय, उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रसाद यादव, मु.आ. ओमप्रकाश जायसवाल, आरक्षी सभाजीत मौर्य, मो. एजाज खान और विकास कुमार की टीम शामिल थी।