देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। सदर ब्लाक सभागार में बुधवार को भाजपा का लोकतंत्र सेनानी सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री अशोक चौरसिया ने भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल, जिला प्रभारी अनिल सिंह, पूर्व सांसद रामशकल, विधायक सदर भूपेश चौबे के साथ लोकतंत्र सेनानी सुरेन्द्र बरनवाल, परशुराम गिरी, अक्षय लाल, हरिशंकर त्रिपाठी, कमलेश देवी, रमाशंकर त्रिपाठी का माल्यार्पण करने के बाद अंगवस्त्र व श्रीराम दरबार का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। बाद सभी ने ब्लाक परिसर में वृक्षारोपण किया।
मुख्य अतिथि अशोक चौरसिया ने कहा कि लोकतंत्र को क्षतविक्षत कर रक्तरंजित करने वाले आपातकाल की भयावहता आज भी स्मृतियों में जीवित है। कांग्रेस ने अपने दम्भ और अहंकार में क्रूरता और दमन की पराकाष्ठा से 50 वर्ष पूर्व लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक व्यवस्थाओं पर सीधा हमला किया। 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्याय पालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, आज भी सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है, नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है। जिला प्रभारी अनिल सिंह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने देश में आपातकाल लागू किया था, उस समय जनसंघ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को खोज खोज कर उन्हें जेल में डाला गया, उनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पद और महत्वाकांक्षा के लिए आपातकाल लगाया था। पूर्व सांसद रामशकल ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र की रक्षा का दावा करने वाले संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय बताया है। भाजपा ने आपातकाल का मुद्दा तब उठाया, जब विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने के पीछे न कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख अजीत रावत, रामनरेश पासवान, अशोक मिश्रा, अजीत चौबे, धर्मवीर तिवारी, रामलखन सिंह, संजीव तिवारी, मनोज सोनकर, उदयनाथ मौर्या, ओमप्रकाश दूबे, कृष्णमुरारी गुप्ता, विशाल पांडेय, संतोष शुक्ला, शंम्भू नारायण सिंह, अनूप तिवारी, सुरेश शुक्ला, नार सिंह पटेल, बृजेश श्रीवास्तव, पुष्पा सिंह, गुड़िया तिवारी, बलराम सोनी आदि मौजूद रहे।