इजरायल-ईरान सैन्य संघर्ष बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। गुरुवार रात से ही दोनों देशों की ओर से ड्रोन हमले हो रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि इजरायल की ओर से किए जा रहे हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
कई देशों ने मध्यस्थता की पेशकश भी की है। इसी बीच द जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने ओमान और कतर से मध्यस्थता करने की अपील की है। ईरान चाहता है कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ताएं फिर से शुरू हो और इजरायली हमलों को रोका जाए।
इजरायल ने ईरान के गैस फील्ड को किया तबाह
पिछले तीन दिनों में हुए सैन्य संघर्ष में ईरान को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। इजरायल ने ईरान में मौजूद दुनिया की सबसे बड़े गैस फील्ड पर हमला किया। हमले के बाद प्रोडक्शन साइट पर आग धधक उठी। सरकार को गैस प्रोडक्शन पर रोक लगानी पड़ी। पिछले तीन दिनों के दौरान ईरान के 138 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, इजरायली सेना की कार्रवाई में 9 वैज्ञानिकों की भी मौत हो गई है।
इस सैन्य कार्रवाई ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट कर रख दिया। एक तरफ जहां ज्यादातर इस्लामिक देश ईरान के साथ खड़े हैं वहीं, कई देश इजरायल के साथ खड़े हैं।
इजरायल ने ईरान पर क्यों किया हमला?
इजरायल ने इस कार्रवाई ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' नाम दिया है। इजरायल और अमेरिका, दोनों देश किसी भी हालत में ईरान को परमाणु कार्यक्रम में सफल होते नहीं चाहते।
इजरायल ने दावा किया है कि अगर ईरान परमाणु बम बनाने में सफल हो जाएगा तो यह इजरायल के लिए खतरा साबित होगा। इजरायल का कहना है कि ईरान अपने परमाणु हथियार का इस्तेमाल इजरायल को अस्तित्व से मिटाने के लिए उपयोग कर सकता है।