देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। स्थानीय गुरुद्वारा में श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह का जन्मोत्सव मनाया गया। श्री अखंड पाठ की समाप्ति के बाद भाई बिशन सिंह, सुरजन सिंह व दया सिंह ने भजन कीर्तन का गायन किया।
गुरु जी का जन्म बडाली अमृतसर में हुआ था। बचपन से ही उनमें वीरता भरी हुई थी। मार्शल आर्ट व तलवार बाजी में निपूर्ण थे। 11 वर्ष की अवस्था में ही गुरु गद्दी पर विराजमान हुए। जहांगीर में इनके यश को सुनकर इनको ग्वालियर के किले में कैद कर दिया गया था, जहां 52 अन्य राजे भी कैद थे। बाद में जहांगीर को जल्दी ही अपनी गलती का एहसास हुआ और और उसने छोड़ने का आदेश दिया। गुरुजी उन राजाओं को भी कैद से छुड़ाकर बाहर आए। इसीलिए इनका बंदी छोड़ दाता भी कहा गया। कार्यक्रम के समाप्ति के उपरांत प्रसाद व लंगर का वितरण हुआ। इसमें बेसन की रोटी और दही की लस्सी भी संगत को पिलाई गई। मौके पर जसबीर सिंह, रनजीत सिंह, दया सिंह, चरन जीत सिंह, मनजीत सिंह, त्रिलोक सिंह, संतोष सिंह, प्रभजोत सिंह आदि मौजूद रहे।