देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बावजूद जनपद से पशु तस्करी का काला कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस की कार्रवाई को चुनौती देते हुए पशुओं से भरी पिकअप को लेकर तस्कर अपने गन्तव्य स्थल को रवाना हो जा रहे है। सदर कोतवाली क्षेत्र में यह गोरखधंधा निरंतर पनफ रहा है। वाराणसी-शक्तिनगर हाइवे से आएदिन पशुओं से भरी पिकअप को तेज रफ्तार जाते आसानी से देखा जा सकता है। बीते दिनों सदर कोतवाली पुलिस द्वारा पशुओं से भरी पिकअप को पकड़ कर तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बावजूद यह काला कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
कोन थाना पुलिस ने बीते 6 जून को वध को ले जाए जा रहे 21 गोवंशों को सकुशल बरामद करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए तस्कर उक्त गोवंशों को जंगली रास्ते से वध के लिए झारखंड ले जा रहे थे। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार तस्करों की पहचान छोटू चौधरी निवासी हासनदाग थाना मेराल गढ़वा झारखंड, विमल चौधरी उर्फ जोखू निवासी देवगाना टोला हडकुड़ी थाना मेराल गढ़वा झारखंड़, धर्मेंद्र उर्फ भोला निवासी कन्होरा थाना चोपन व अवधेश चौधरी निवासी कन्होरा थाना चोपन के रूप में की गई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में तस्करों ने बताया है कि वे हाफिज, अंसार व फिरोज निवासी कुड़वा थाना कोन के कहने पर पशुओं को तस्करी के लिए ले जा रहे थे। देवसर (सिंगरौली, मध्य प्रदेश) से सस्ते दामों पर पशुओं को खरीदते हैं, बाद उन्हें सोनभद्र के ओबरा, हाथीनाला थाना क्षेत्र के जंगली रास्ते से होकर झारखंड पहुंचाते हैं। झारखंड में पशुओं को इकट्ठा कर ट्रकों में भरकर बंगाल कटान के लिए भेजा जाता है।