देवल संवाददाता,कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा, में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 20 जून से मशरूम उत्पादन एक लाभकारी व्यवसाय पर प्रशिक्षण चल रहा था। पांच दिवसीय रोजगार परक प्रशिक्षण बुधवार को संपन्न हो गया। इसमें कहा गया कि मशरूम उत्पादन से किसान आय दोगुनी कर सकते हैं।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. एलसी वर्मा ने बताया कि मशरूम उत्पादन का यह अनुकूल मौसम है। मशरूम उत्पादन कर किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। मशरूम प्रोटीन का एक उत्तम स्रोत है(दैनिक देवल)। पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि बटन मशरूम उत्पादन के लिए सर्वप्रथम मशरूम कंपोस्ट तैयार करते हैं, जिसके लिए भूसा, चोकर, जिप्सम, यूरिया तथा पोटाश की आवश्यकता पड़ती है।
यह कंपोस्ट 28 दिनों में बनकर तैयार हो जाती है। कंपोस्ट तैयार होने के बाद इसमें मशरूम स्पान (बीज) की बिजाई करते हैं। एक कुंतल कंपोस्ट से लगभग 25 किग्रा तक बटन मशरूम तैयार हो सकता है। उन्होंने अच्छी क्वालिटी के केसिंग मृदा तैयार करने की विधि के बारे में बताया।
इस क्रम में केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक वेद प्रकाश सिंह ने मशरूम के इकाई का लेखा जोखा रखने के लिए रजिस्टर तैयार करने के बारे में बताया। शष्य वैज्ञानिक डॉ. शेर सिंह ने मशरूम उत्पादन कक्ष में साफ-सफाई तथा उसमें इंफेक्शन रोकने की विधियों पर चर्चा की। इसमें 23 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर कंचन, गंगा, रिंका, अकांक्षा, लक्ष्मीना, लीलावती, रीमा, प्रेमशीला आदि किसान मौजूद थे।