देवल संवाददाता,आजमगढ़। जनपद के बलरामपुर गांव की रहने वाली ऊषा शर्मा पत्नी स्वर्गीय महातम शर्मा ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर गांव के ही एक व्यक्ति और पुलिस कर्मियों पर उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। ऊषा शर्मा ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि गांव के रामअधार शर्मा और उनके दो बेटों, शिवेंद्र कुमार शर्मा और शिव कुमार शर्मा, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं, उनके परिवार को लगातार परेशान कर रहे हैं।
प्रार्थना पत्र के अनुसार, रामअधार शर्मा ने ऊषा शर्मा के खिलाफ उनकी पत्नी नीलम शर्मा के नाम से एक मुकदमा दायर किया है, जो सिविल जज सीनियर डिवीजन, एफटीसी कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में विवादित जमीन का दो बार कमीशन हो चुका है और कोर्ट के आदेश पर ऊषा शर्मा ने अपने दरवाजे के सामने आधा फुट मिट्टी डालकर जमीन को ऊंचा किया था। इसके बावजूद, रामअधार के बेटे अपने पद का दुरुपयोग कर ऊषा और उनके परिवार को धमकी दे रहे हैं कि वे मिट्टी खुदवाकर फेंकवा देंगे और उनका आना-जाना मुश्किल कर देंगे।
ऊषा शर्मा ने आगे आरोप लगाया कि बलरामपुर पुलिस चौकी प्रभारी दिवेंद्रनाथ दुबे और आजमगढ़ कोतवाली के कोतवाल शशिमौलि पाण्डेय भी रामअधार के प्रभाव में आकर उनके घर पर रात 8 बजे दल-बल के साथ पहुंचते हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उनके घर की महिलाओं के साथ बदसलूकी की और मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग करने पर जबरदस्ती मोबाइल छीनने की कोशिश की। ऊषा के पास इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिसकर्मी कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार करते हुए धमकी देते हैं कि वे मिट्टी खुदवाकर फेंक देंगे। प्रार्थना पत्र में ऊषा शर्मा ने पुलिस अधीक्षक से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग की कि संबंधित पुलिसकर्मियों और रामअधार के बेटों को हिदायत दी जाए कि वे विभागीय दबाव का इस्तेमाल कर उनके परिवार को परेशान न करें।