देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। जिस अधिकारी के खिलाफ जनसुनवाई (सीएम पोर्टल) पर शिकायत की गई हो, उसी को मामले की जांच के लिए जांच अधिकारी नामित कर शिकायतों का फर्जी व तथ्यविहीन निस्तारण कराकर पंचायती विभाग के अधिकारी खूब वाहवाही लूट रहे हैं। ठीक इसी तरह का एक मामला चतरा विकास खंड क्षेत्र का है।
चतरा ब्लाक के भरसही गांव निवासी वंशी पांडेय द्वारा बीते दिनों सचिव दीपक कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम पोर्टल पर दर्ज करायी गई शिकायत के गुणवक्ता पूर्ण निस्तारण के लिए आरोपी ठहराए जा रहे सचिव को ही जांच सौंप दी गई। बाद जांच अधिकारी ने अपने आप को सुरक्षित करते हुए फर्जी व तथ्य विहीन जांच आख्या लगाकर प्रकरण को बड़े ही आसानी से निस्तारित कर दिया। इस व्यवस्था से न केवल सूबे की भाजपा सरकार की छबि आमजन में धूमिल हो रही है, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है। सीएम पोर्टल पर शिकायत के बावजूद पीड़ित न्याय की आश में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। हैरानी की बात तो यह है कि बेटी के जीवित पिता को ही उप जिलाधिकारी से अनुमोदन मिलने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की जांच आख्या लगाकर प्रकरण को निस्तारित करने वाले सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने बजाए जिला पंचायत राज अधिकारी की चुप्पी सवालों के घेरे में है। उधर मामले को लेकर
डीपीआरो नमिता शरण को फोन कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने अपनी जवाबदेही से बचने के लिए फोन रीसिव करना शायद जरूरी नहीं समझा। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।