साल 2025 के करीब छह महीने बीत चुके हैं। पिछले 6 महीनों में दुनियाभर में ऐसी घटनाएं घटी है, जिसे दशकों तक भुलाना आसान नहीं होगा। पिछले 6 महीनों में कई ऐसी घटनाएं घटी है, जिसने मानवता को झकझोर के रख दिया। दुनिया भर में युद्ध के हालात बने हुए हैं। वहीं, विमान हादसे की घटनाएं घट चुकी है। वहीं, इस साल के शुरुआत में ही अमेरिका के जंगलों में भीषण आग लग गई थी।
दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 का कैलेंडर 1941 की तरह हूबहू है। उसी तरह की तारीखें और वैसे ही दिन। ऐसे तो दो अगल सालों के कैलेंडर में समानत कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन 1941 और 2025 के बीच हादसे और मामले एक जैसे ही हैं।
क्या वाकई 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा है?
हां, यह सच है यह सच है कि साल 1941 और 2025 का कैलेंडर एक जैसी है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। हर कुछ दशकों में किसी साल कै कैलेंडर पुराने साल से मेल खा सकता है। यानी सप्ताह का दिन और ताखी एक ही पड़ सकते हैं।
क्यों है साल 1941 और 2025 का कैलेंडर एक जैसा?
बता दें कि 1941 और 2025 दोनों गैर-लीव वर्ष हैं। दोनों साल बुधवार को 1 जनवरी पड़ी है। जानकारी के मुताबिक, कैलेंडर का ऐसा चक्र आमतौर पर हर 28 साल में दोहराया जाता है क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में सप्ताह के दिन और तारीखें इस चक्र में दोहराती हैं। इसलिए दोनों साल का कैलेंडर हूबहू वैसा ही होगा। हर महीने की तारीख और दिन समान होंगे।
एक थ्योरी ये भी है की लीप ईयर के पैटर्न और 7 दिनों के हफ्ते के चक्र के कारण ऐसा होता है।
अब उन घटनाओं पर एक नजर डालें जो दोनों सालों में करीब एक जैसी घटी।
सबसे पहले बात करते हैं साल 1941 की। दरअसल, इस साल द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के लिए एक अहम और निर्णायक साल था। इस साल जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया था। जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला किया था। वहीं, अमेरिका भी युद्ध में कूद गया था।
यूरोप, अफ्रीका और एशिया में भी युद्ध का बुरा असर पड़ रहा था। गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध में रूस और अमेरिका पूरी तरह युद्ध में सीधे सीधे इनवाल्व थे।
वहीं, साल 2025 में एक तरफ जहां रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने भारत में पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के चार दिनों तक सैन्य संघर्ष चला। इसी बीच इजरायल-हमास के बीच जैसे-तैसे सीजफायर हुई ही थी कि इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया। यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक, युद्ध की चपेट में है।
एक तरफ जहां रूस-यूक्रेन से लड़ रहा है। वहीं, इजरायल-हमास, इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका पूरी तरह इनवाल्व है। इस साल हर बीते समय के साथ दुनिया विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है। लोगों को डर है कि कहीं वाकई साल 1941 की तरह इस साल भी पूरी दुनिया युद्ध की चपेट में न आ जाए।