देवल संवाददाता, आजमगढ़। राजकीय मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति दिनों-दिन बदतर होती जा रही है। मरीजों के इलाज के बजाय डॉक्टरों की प्राथमिकता अब मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) और बाहरी दवाओं के प्रचार-प्रसार पर केंद्रित होती दिख रही है।ताजा मामला सर्जरी ओपीडी से सामने आया है, जहां मरीज किशन कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार जब वह सर्जरी विभाग में डॉक्टर आनन्द कुमार यादव को दिखाने पहुंचे, तो ओपीडी के भीतर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पहले से मौजूद थे और मरीजों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। जब किशन कुमार ने अंदर जाने की कोशिश की, तो डॉक्टर आनन्द यादव ने कथित रूप से डांटकर उन्हें भगा दिया और कहा, "यहां किसी की नहीं चलती, जो करना है कर लो।"मरीजों ने बताया कि ओपीडी के बाहर पहले से ही कुछ दलाल सक्रिय रहते हैं जो दवाएं बाहर से खरीदवाने पर जोर देते हैं। यह भी आरोप है कि डॉक्टर अस्पताल के स्टोर की बजाय महंगी दवाएं बाहर से लिख रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
इस मामले में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी आलेंद्र कुमार ने कहा है कि शिकायत की जांच की जा रही है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।स्वास्थ्य व्यवस्था के इस हाल पर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। आम जनता ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि सरकारी अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रही लूट पर लगाम लग सके।